सोने और आभूषणों की खरीदारी के लिए बहुत शुभ योग।

– रोकड़े ज्वेलर्स की सभी शाखाएं, सुबह 10:30 बजे से ग्राहकों की सेवा में शुरू 

 नागपूर :- रोकड़े ज्वेलर्स अपने प्रिय ग्राहकों के लिए गुरु-पुष्य योग के दिन सभी पूजा सामग्री , राशि रत्न और गहनों का नवीनतम संग्रह प्रदर्शन कर रहा है, साथ ही निशुल्क ज्योतिष्य सेवा उपलब्ध है,

पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों में राजा की उपाधि दी गई है। इस नक्षत्र में प्रारंभ किए गए कार्यों का फल बहुत उत्तम प्राप्त होता है। पुष्य नक्षत्र स्थायी होता है अतः इसके समय किए गए कार्यों में स्थायित्व का भाव मौजूद होता है.

गुरू पुष्य योग एक बहुत ही विशिष्ट एवं महत्वपूर्ण योग माना जाता है। ज्योतिष में इस योग की बहुत महत्ता है। इस योग के समय किए गए कार्यों में सफलता एवं शुभता की संभावना में वृद्धि होती है।

पुष्य ऊर्जा-शक्ति प्रदान करने वाला नक्षत्र है। इस शब्द के ही अनुसार ये नक्षत्र सौभाग्य, समृद्धि और सुख के साथ पोषण करने वाला माना गया है। कुछ वैदिक ज्योतिषियों द्वारा पुष्य को तिष्य नक्षत्र भी कहा गया है। तिष्य शब्द का अर्थ है शुभ होना तथा यह अर्थ भी पुष्य नक्षत्र को शुभता ही प्रदान करता है।

इस दिन सोना, चांदी के अलावा कुछ खास चीजें खरीदकर घर लाने से मां लक्ष्मी मेहरबान होती है और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है. ज्योतिष में गुरु पुष्य योग को को सिद्ध मुहूर्त माना गया है.

इस साल 25 मई को दुर्लभ गुरु पुष्य योग बन रहा है। दुर्लभ इसलिए है क्योंकि मई के बाद ऐसा योग फिर दिसंबर में आएगा। 25 मई को गुरु पुष्य योग समेत 5 शुभ योग बन रहे है। उस दिन वृद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग भी बन रहे हैं। 25 मई को आप जो भी शुभ कार्य करेंगे, उसमें कई गुना वृद्धि होगी। इस दिन आप विवाह को छोड़कर बाकी सभी मांगलिक कार्य कर सकते हैं। ज्योतिष में इस योग की बहुत महत्ता है। इस योग के समय किए गए कार्यों में सफलता एवं शुभता की संभावना में वृद्धि होती है। इसके साथ ही व्यक्ति को सकारात्मक फलों की प्राप्ति होती है।

पुष्य योग का बहुत ही शुभ संयोग बनने वाला है। वैदिक ज्योतिष में गुरु-पुष्य योग को बहुत ही शुभ माना गया है। गुरु-पुष्य योग में शुभ कार्यों और शुभ खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है। पुष्य नक्षत्र सभी 27 नक्षत्रों में सबसे अच्छा नक्षत्र माना जाता है। इस कारण से सभी नक्षत्रों का इसे राजा कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार इस इस नक्षत्र में किया जाने वाला कार्यों में सफलता जरूर मिलती है। जब भी गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र पड़ता है इस संयोग को गुरु-पुष्य योग कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सालभर में गुरु-पुष्य योग दो से तीन बार ही बनता है। जब जब गुरु-पुष्य नक्षत्र का संयोग बनता है तो कुछ राशि के जातकों के ऊपर इसका बहुत ही शुभ प्रभाव देखने को मिलता है। आइए जानते हैं गुरु-पुष्य योग अनेक राशियों को लाभ दिलाने वाला है।

शुद्धता, विश्वास और परंपरा के मूल मंत्र के साथ ग्राहकों की कसौटी अपना 100% देने और ग्राहक ही रियल ब्रांड एंबेसडर है इस तथ्य को खरा साबित कर पुनः हैप्पी कस्टमर्स सीजन 4 शुरूवात हो गई है, इच्छुक ग्राहक पंजीयन के लिए रोकड़े ज्वेलर्स की लक्ष्मीनगर और महल शाखा में संपर्क करें।

साथ ही रोकड़े ज्वेलर्स ग्राहकों की सुविधा और समाधान के लिए सदैव तत्पर हैं, भारत सरकार द्वारा 2000 के नोट बंदी की घोषणा और बदलने की प्रक्रिया तक रोकड़े ज्वेलर्स की सभी शाखाओं में ग्राहकों से 2000 के नोट स्वीकार किए जा रहे हैं।

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