– काटोल के 102 वर्षिय शालीनी देवघरे ने घर से ही मतदान
काटोल :- लोकसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया ने जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके वरिष्ठ नागरिकों के मन में कई भावनाएं उजागर की हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग ने 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए घर पर ही मतदान करने की सुविधा उपलब्ध कराई है। वरिष्ठ नागरिकों की प्रतिनिधि प्रतिक्रिया यह है कि इस सुविधा के कारण बिस्तर पर पड़े बुजुर्ग भी लोकतंत्र के इस कर्तव्य में भाग लेने में सक्षम हो गए हैं।
रामटेक लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र 48-काटोल विधानसभा के तहत काटोल नगर परिषद क्षेत्र के पुरूषोत्तम महाराज मंदिर शारदा चौक की ज्येष्ठ नागरिक (102वर्षिय) शालीनी विनायकराव देवघरे द्वारा उनके निवास पर मतदान किया.
वृद्धावस्था, बीमारी के कारण कई वरिष्ठ मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। चाहकर भी उन्हें मताधिकार से वंचित रहना पड़ता है। इससे बचने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ मतदाताओं के लिए घर बैठे मतदान की सुविधा प्रदान की है। जिले के नागपुर और रामटेक दोनों लोकसभा क्षेत्रों के 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।
48-काटोल विधानसभा चुनाव अधिकारी शिवराज पडोळे द्वारा बताया गया की 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को भी मतदान का लाभ देने के लिए काटोल विधानसभा सभा में25दिव्यांग तथा85वर्ष से अधिक आयुवर्ग के 251 सहित कुल-276मतदाता हैं. जिसमे 15से16अप्रेल तक 259 मतदाओं मतदान किया.
जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. विपिन इटनकर द्वारा रामटेक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत विविध घरेलू मतदान केंद्रों का दौरा और निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने संबंधित मतदान अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मतदान की गोपनीयता बनाए रखने तथा घर-घर जाकर मतदान के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए। काटोल के उपविभागीय अधिकारी तथा लोकसभा के सह निर्वाचन अधिकारी शिवराज पडोळे द्वारा 19अप्रेल को होने वाले चुनाव में आदर्श आचारसंहिता का कडाई से पालन कर मतदान की गोपनियता भंग ना होने पाऐ इस के लिये कडे निर्देश दिये है. इस अवसरपर पर चुनाव संबधीतीत अधिकारी वर्ग उपस्थित थे.