– हिंदू विधीज्ञ परिषद की ओर से राज्य सरकार को शिकायत!
मुंबई :- महाराष्ट्र राज्य के सरकारी नियंत्रण में लिए गये राज्य के सभी देवस्थान अपनी लेखा परीक्षा रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर हर वर्ष प्रकाशित करते हैं; लेकिन महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड ने पिछले 17 वर्षों से सरकार को लेखा परीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत ही नहीं की है। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि इस विषय में सरकार ने भी वक्फ बोर्ड से कोई पूछताछ नहीं की है। पिछले कुछ वर्षों में वक्फ मंडल द्वारा राज्य की जमीनें हड़पने की अनेक शिकायतें जिस प्रकार सामने आई हैं, उसे देखते हुए यह मामला अत्यंत गंभीर है। सरकार को इस ओर समय रहते ध्यान देना चाहिए, इस उद्देश्य से हिंदू विधीज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एड. वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने राज्य सरकार से शिकायत की है। इस विषय में एड. इचलकरंजीकर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अल्पसंख्यक विकास मंत्री दत्तात्रय भरणे को पत्र लिखकर वक्फ मंडल को बर्खास्त करने की मांग की है।
महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड के पास लगभग एक लाख एकड़ जमीन है। इस बोर्ड को महाराष्ट्र सरकार से हर वर्ष करोडो रुपये देती है। कार्यालयीन खर्च, पदाधिकारियों के वाहनों के लिए डीजल, कर्मचारियों के वेतन के लिए पैसे सरकारी खजाने से दिए जाते हैं। वक्फ बोर्ड के कानून अधिनियम 1995 में हर वर्ष की लेखा परीक्षा रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करना अनिवार्य है। उसका अध्ययन करके सरकार को उस पर आदेश देना चाहिए; लेकिन महाराष्ट्र राज्य वक्फ मंडल से 2008 से आज तक एक भी लेखा परीक्षा रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है, यह जानकारी सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त हुई है। एक तरफ मंदिरों का पैसा सरकारी योजनाओं के लिए उपयोग किया जाता है, तो दूसरी तरफ वक्फ बोर्ड को सरकार हर वर्ष पैसा देती है। वक्फ बोर्ड के पास इतनी जमीन कहां से आती है? उसमें निरंतर वृद्धि कैसे होती है? इन प्रश्नों का उत्तर देने का समय आ गया है, ऐसा प्रश्न एड. वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने उठाया है।
महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड के कामकाज में बिल्कुल भी पारदर्शिता नहीं है। हर वर्ष की लेखा परीक्षा होने पर अगले वर्ष उसमें भ्रष्टाचार करने का मौका नहीं मिलता। एक साथ 10 वर्षों की लेखा परीक्षा करते समय आंकड़ों में बदलाव किए जा सकते हैं, उन्हें गायब किया जा सकता है। यह बात अत्यंत गंभीर है। यदि सरकार के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है, तो उसी वक्फ बोर्ड कानून की धाराओं का उपयोग करके इस बोर्ड को बर्खास्त किया जाना चाहिए। यह अधिकार सरकार के पास है। सर्वोच्च न्यायालय और अन्य न्यायालयों में लंबित लाखों मामले किस न्यायालय में हैं? उनकी सुनवाई कब है? खंडपीठ आदि की जानकारी वेबसाइट पर दी जाती है। लेकिन महाराष्ट्र के वक्फ प्राधिकरण की वेबसाइट पर यह जानकारी नहीं दी जाती, ऐसा एड. वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने कहा।