– शिर्डी में तृतीय ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’
– ‘एंटी लैंड ग्रैबिंग’ कानून लागू करने की 875 से अधिक मंदिर ट्रस्टियों की एकमुखी मांग!
शिर्डी :- श्री साई पालखी निवारा, शिर्डी में 24 और 25 दिसंबर को आयोजित तृतीय ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’ के समापन पर हर मंदिर के लिए सुरक्षा समिति स्थापित करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। साथ ही मंदिरों की भूमि के अवैध हस्तांतरण को रोकने के लिए सरकार से ‘एंटी लैंड ग्रैबिंग’ कानून तुरंत लागू करने की मांग सहित कुल 10 प्रस्ताव ‘हर हर महादेव’ के जयघोष के साथ सर्वसम्मति से पारित किए गए। मंदिर महासंघ इन मांगों को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा और इसके लिए राज्य के रोजगार गारंटी मंत्री भरतशेठ गोगावले ने विशेष सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
इस परिषद में ‘श्री विघ्नहर गणपति देवस्थान ट्रस्ट’ के ट्रस्टी, पुणे के ग्रामदैवत श्री कसबा गणपति, भीमाशंकर देवस्थान, रांजणगांव और जेजुरी देवस्थान, श्रीक्षेत्र बेट कोपरगांव के राष्ट्रसंत जनार्दन स्वामी (मौनगिरीजी) महाराज समाधि मंदिर, अखिल भारतीय पुरोहित महासंघ के प्रतिनिधि, श्री तुळजाभवानी पुजारी मंडल, संत पीठ के प्रतिनिधि और राज्यभर से 875 से अधिक मंदिर ट्रस्टी प्रतिनिधि उपस्थित थे। सभी ने आगे एक आदर्श मंदिर संगठन महाराष्ट्र में स्थापित करने का संकल्प लिया।
सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव : मंदिरों और उनकी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ हर सप्ताह सामूहिक आरती का आयोजन। काशी और मथुरा तीर्थ क्षेत्रों के मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाना। राज्य सरकार से सभी मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर उन्हें भक्तों को सौंपना। मंदिरों में भक्तों द्वारा अर्पित धन का उपयोग विकास कार्यों के लिए न करने की सरकार से घोषणा। धर्मादाय आयुक्त कार्यालय द्वारा मंदिरों से दान के लिए भेजे जा रहे अवैध आदेशों को रोकने और मंदिरों के धन का उपयोग केवल धार्मिक कार्यों के लिए करने की सलाह देना। महाराष्ट्र के पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए बजट में विशेष प्रावधान। तीर्थ क्षेत्रों, श्री क्षेत्रों और किलों पर बने मंदिरों से अतिक्रमण हटाने के लिए सर्वेक्षण और कार्रवाई। ‘क’ श्रेणी के मंदिरों को ‘ब’ श्रेणी में प्रमोट करने के लिए दस्तावेजों के आधार पर त्वरित कार्यवाही। मंदिर परिसरों को शराब और मांस मुक्त क्षेत्र घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी करना। राज्य के मंदिर पुजारियों को मासिक मानदेय देने का निर्णय।
मंदिरों की समस्याओं पर चर्चा : दो दिवसीय परिषद में मंदिरों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा, विशेषज्ञों के मार्गदर्शन और समूह चर्चाएं आयोजित की गईं। इनमें ‘मंदिरों को सनातन धर्म प्रचार का केंद्र बनाना’, ‘वक्फ कानून द्वारा मंदिर भूमि पर अतिक्रमण और समाधान’, ‘मंदिरों में वेशभूषा संहिता’ और ‘धर्मादाय आयुक्त कार्यालय और मंदिरों का समन्वय’ जैसे विषय शामिल थे। इन्हीं चर्चाओं के आधार पर उपरोक्त प्रस्ताव पारित किए गए।