– गोवंश तस्करी पर कब लगेगा अंकुश
कोंढाली/काटोल :- महाराष्ट्र राज्य में गाय को राज्य माता का दर्जा बहाल करने पर भी महाराष्ट्र राज्य में विशेषतः विदर्भ प्रांत में महाराष्ट्र राज्य से सटे राज्यों की सीमारेषा से महाराष्ट्र में तथा यहाँ से आंध्र,तेलंगणा,कर्णाटक राज्यों के साथ साथ महाराष्ट्र के कुछ बडे जिलों के लिये गोवंश तस्करी जारी है.
साथ ही नागपूर -वर्धा जिले के ग्रामीण आंचल में गोवंश को खरिद कर जंगलों के समिपस्थ गांवो से वाहनों में क्रूरता से ठुस ठूस कर लादकर गोवंशों को बूचडखानों की ओर भेजा जात है.
नागपूर शहरी क्षेत्र के कुछ हिस्सों तथा कामठी, वर्धा जिले के आर्वी के अनेक कसाईयों का गिरोह अवैध गोवंशों के तस्करी में लिप्त है.
विदर्भ के गोवंश की तस्करों के चलते राज्य में गाय को गोमाता का दर्जा बहाल होने के बाद भी गोवंश तस्करी में कोई कमी नजर आ रही.
*गृह मंत्री महोदय, आख़िर गोमांस तस्करी कब रुकेगी??*
विगत अनेक वर्षों से विदर्भ के नागपुर और वर्धा जिलों के पशु तस्करों ने अब मवेशियों को बूचड़खानों में भेजने के लिए वन क्षेत्रों का उपयोग करके पशु तस्करी (तस्करी) शुरू कर दी है, इसका असली सबूत 23 और 24 – दिसंबर2024 की रात को मिला।
कारंजा घाडगे पुलीस को स्थानिय गो रक्षकोंने बूचडखाने के ओर ले जा रहे गो वंशो की खबर दी मिलतेही पुलीने कार्यवाही की.बताया जाता है की
पशु तस्कर ग्रामीण इलाकों के युवाओं को भारी कमीशन पर गांव-गांव से मवेशी खरीदकर लाते है, मवेशियों को जंगल क्षेत्र में इकट्ठा करते थे, मवेशियों को बेरहमी से बांधते थे और लकड़ी के डंडे में लगी लोहे की कीलों से मारकर जंगल मार्ग से निर्जन स्थान पर मवेशियों हांकते ले जाते है,तथा जंगल में बांधकर रखते है। उन्हें दो या तीन दिनों तक घने जंगल में बिना भोजन और पानी के रखा जाता है। और फिर इन गायों को देर रात वहनों( गाड़ियों में) में बेरहमी भर कर उन्हे पीट-पीटकर बूचड़खाने में भेज दिया जाता है. जानकारी मिली है.
विश्वसनीय जानकारी के अनुसार
महाराष्ट्र सहित पड़ोसी राज्य भाजपा केंद्रित राज्य हैं। महाराष्ट्र में गौहत्या पर सख्त प्रतिबंध और नियम लागू किए गए हैं साथ ही गाय को राज्य माता का दर्जा दिया गया है. हालांकि, महाराष्ट्र की सीमा पर और विदर्भ से मवेशियों की तस्करी जारी है. अब इसे क्या कहें!!!!
मुख्यमंत्री/गृह मंत्री जी,राज्य में पशु तस्करी कैसे रुकेगी?????? इस पर गहन अध्ययन किया जाना चाहिए!
*पशु तस्करी में लिप्त वाहनों लायसेन्स रद्द किये जाय*
राज्य तथा केंद्र सरकार भी गोवंश हत्या, यातायात,के विरूद्ध है. देश में अधिकांश राज्य (काऊ बेल्ट) भाजप शासित राज्य है. फिर भी गोवंश संवर्धन के बजाय गोवंश तस्करी जोरोंपर शुरू है. इसका प्रमाण सीमावर्ती चेक पोस्ट के. समिपस्थ पुलीस स्टेशन से ही मिलता है.
इसी प्रकार विदर्भ के नागपूर वर्धा सहित अन्य जिलों में कसाईयों के एजंट के माध्यम से गोवंश खरदकर बूचडखाने भेजे जाते है.जिले में गोवंश तस्करी का जाल ही फैला है. गोवंश तस्करों जिस मार्ग से गोवंश तस्करी करनी होती है,उस पोलीस स्टेशन पर निगराणी रखने के लिये फंटर नियुक्त किये जाते है.
राज्य में जारी पशू तस्करी विषेत: गोवंश पशू तस्करी में लिप्त वाहनों को पुलीस द्वारा पकडने पर अधिकांश वाहन चालक वाहन छोडकर भाग जाते है.तथा तीन चार दिन के बाद वाहन चालक को न्यायालय से जमानत मिल जाती, तथा वाहन भी सुपुर्दनामें पर मिल ही जाता है. अब गोवंश तस्करी रोकनाही है तो संबंधित वाहनचालक पर म मो का के तहत कार्यवाही होत तथा गोवंश तस्करी में लिप्त वाहनों के यातायात लायसेन्स हमेशा के लिए रद्द किए जाने की मांग गोरक्षक दुर्गेश बब्लू भिसे द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से की जा रही है.