– संत-महंत, मंत्री सहित 20,000 से अधिक साधक व धर्मनिष्ठ रहेंगे उपस्थित !
पणजी (गोवा) :- संपूर्ण मानवजाति के परम कल्याण और रामराज्य की स्थापना के लिए कार्यरत सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी के 83वें जन्मोत्सव समारोह और सनातन संस्था के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का भव्य आयोजन किया जा रहा है । यह महोत्सव 17 से 19 मई 2025 के दौरान फार्मागुडी, फोंडा स्थित गोवा अभियांत्रिकी महाविद्यालय मैदान में संपन्न होगा । इस भव्य महोत्सव में देशभर से अनेक संत-महंत, मुख्यमंत्री, केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्री, प्रखर हिंदुत्वनिष्ठ विचारक, अधिवक्ता, उद्यमी, संपादक आदि मान्यवरों सहित 20,000 से अधिक साधक एवं धर्मप्रेमी हिंदू उपस्थित रहेंगे । यह जानकारी सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस ने आज एक पत्रकार सम्मेलन में दी ।
पणजी स्थित होटल मनोशांति में आयोजित इस पत्रकार सम्मेलन में आर्ट ऑफ लिविंग के संतोष घोड़गे, सांस्कृतिक न्यास के जयंत मिरिंगकर, भारत स्वाभिमान के कमलेश बांदेकर, ब्राह्मण महासंघ गोवा के राज शर्मा, गोमंतक मंदिर महासंघ के जयेश थळी, कुंडई तपोभूमि के पद्मनाभ संप्रदाय के सुजन नाइक, जगद्गुरु स्वामी नरेंद्राचार्य महाराजजी के अनुयायी अनिल नाईक, उद्यमी राघव शेट्टी और कदंबा के पूर्व महाप्रबंधक संजय घाटे उपस्थित थे ।
इस पत्रकार सम्मेलन में ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का प्रतीक चिन्ह (लोगो) और ‘धर्मेण जयते राष्ट्रम् ।’ इस घोषवाक्य (टैगलाइन) का अनावरण किया गया ।
महोत्सव की जानकारी देते हुए चेतन राजहंस ने बताया कि सनातन संस्था पिछले 25 वर्षों से सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले के मार्गदर्शन में गोवा की पवित्र भूमि से एक आदर्श और संस्कारी पीढी निर्माण करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है । इस रजत जयंती वर्ष में एक आदर्श राष्ट्र (रामराज्य) के निर्माण हेतु सामूहिक संकल्प किया जाएगा । इससे सभी आध्यात्मिक संस्थाओं एवं हिंदू संगठनों के बीच धर्मबंधुत्व और अधिक मजबूत होगा । आज भारत के सामने जो चुनौतियां हैं, उनमें सनातन धर्मियों का अस्तित्व और सनातन धर्म की रक्षा अत्यंत आवश्यक है । इसलिए, राष्ट्र की सनातनता को बनाए रखना, सनातन मानबिंदु अर्थात गौ, गंगा, गायत्री, मंदिर, वेद आदि धर्मग्रंथों को पुनः वैभवशाली बनाना, इन उद्देश्यों को लेकर ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का आयोजन किया गया है । गोवा में पहली बार इतने बड़े स्तर पर तीन दिनों तक संत-महंत, हिंदुत्वनिष्ठ, प्रतिष्ठित हस्तियां और 20,000 से अधिक साधक एवं धर्मनिष्ठ एकत्रित हो रहे हैं। यह आयोजन गोवा की पवित्र भूमि पर सनातन धर्मियों का भव्य कुंभमेला होगा, जिसमें धर्म एवं अध्यात्म का दिव्य ज्ञानगंगा प्रवाहित होगी ।
इस महोत्सव में संपूर्ण भारत से पधारने वाले संत-महंतों एवं धर्मगुरुओं की ‘संतसभा’ का आयोजन किया गया है । इसमें वे राष्ट्र, धर्म, संस्कृति और हिंदू समाज के पुनरुत्थान हेतु अपने ओजस्वी वाणी से मार्गदर्शन करेंगे । अन्य प्रतिष्ठित विद्वान भी इस अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे ।
महोत्सव में आमंत्रित विशेष संत-महंत एवं मान्यवर : ‘आर्ट ऑफ लिविंग’के संस्थापक गुरुदेव श्री श्री रविशंकर, पतंजली योगपीठ के संस्थापक प.पू. योगऋषि स्वामी रामदेव, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरि एवं न्यास के महासचिव चंपत राय, अखिल भारतीय आखाडा परिषद के अध्यक्ष पू. महंत रविंद्र पुरी महाराज, अयोध्या हनुमानगढी के पू. महंत राजू दास, श्रीक्षेत्र तपोभूमि (कुंडई, गोवा) पीठाधीश्वर पद्मश्री सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य स्वामी, ‘सनातन बोर्ड’ के प्रणेता पूज्यश्री देवकीनंदन ठाकूर महाराज, केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपाद नाईक, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, तेलंगाना के भाजपा विधायक टी. राजासिंह, पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर, तथा काशी-मथुरा के मंदिरों का प्रकरण चलानेवाले सर्वाेच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन आदि अनेक मान्यवरों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है ।