सावनेर में अमर वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधीजी की 192 वीं जयंती मनाई गई।

सावनेर – सन् 1857 की क्रांति की महानायिका वीरांगना रानी अवंती बाई लोधीजी की 192 वीं जयंती के अवसर पर लोधी समाज सावनेर के समाज बंधुओं  द्वारा गांधी पुतले के समीप एकत्रित होकर वीरांगना रानी अवंती बाई लोधीजी की छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर विधिवत पूजन एवं केक काट कर बड़े ही हर्षोल्लास के साथ जयंती मनाई और हालही में निधन हुए समाज बंधुओं को श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन गया। इस अवसर पर सावनेर के सभी लोधी समाज के बंधू उपस्थित थे।

1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम महानायिका वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी का जन्म लोधी राजपूत समुदाय में 16 अगस्त1831 को ग्राम मनकेहणी, जिला सिवनी के जमींदार राव जुझार सिंह के यहां हुआ था। 1857 की क्रांति में ब्रिटिश के खिलाफ साहस भरे अंदाज से लड़ने और ब्रिटिश ओ की नाक में दम कर देने के लिए उन्हें याद किया जाता है, उन्होंने अपनी मातृभूमि पर देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था।

सन 1850 ईस्वी में विक्रमाजीत सिंह रामगढ़ की गद्दी पर बैठे। राजा विक्रमाजीत का विवाह सिवनी जिले के मनेकहडि के जागीरदार राव झुझारसिंह की पुत्री अवंतिकाबाई से हुआ था। विक्रमाजीत भाऊजी योग्य और कुशल शासक थे। लेकिन धार्मिक प्रवृत्ति के होने के कारण व राजकाज में कम धार्मिक कार्यों में ज्यादा समय देते थे। उनके दो पुत्र शेर सिंह और अमन सिंह छोटे ही थे कि विक्रमाजीत विलुप्त हो गए और राज्य का सारा भार अवंतिकाबाई के कंधों पर आ गया।

जब यह समाचार गोरी सरकार को मिला तो उसने 13 सितंबर 1851 को रामगढ़ राज की कोर्ट ऑफ वार्डस के अधीन कर दिया। इस अपमान से रानी उस समय तो खून का घूंट पीकर रह गई किंतु उन्होंने प्रतिज्ञा ली कि वह इसका बदला लेकर रहेगी। और तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक देश को स्वाधीन ना करा लेगी, इसी बीच अचानक राजा विक्रमाजीत की मृत्यु हो गई। लॉर्ड डलहौजी की राज्य हड़पने की नीति का पूरे देश में तेजी से चलने लगा तो कई राज-रजवाड़े और जागीरदार अंग्रेजो के खिलाफ संगठित होने लगे।

रानी अवंतिका बाई ने आसपास के ठाकुरों, जागीरदारों और राजाओं को एकत्र कर अंग्रेजों के विरोध का फैसला किया । गढ़ा मंडला के शासक शंकर शाह के नेतृत्व में विद्रोह के लिए विजयादशमी का दिन निश्चित किया गया। क्रांति का संदेश गांव गांव पहुंचने के लिए अवंतिका बाई ने अपने हाथ का लिखा परिचय भिजवाया, देश और आन के लिए मर मिटो या फिर चूड़ियां पहनो का नारा लगा 20 मार्च 2858 को इस वीरांगना ने रानी दुर्गावती का अनुकरण करते हुए युद्ध लड़ते हुए अपना बलिदान दे दिया।

आज भी भारत की पवित्र भूमि ऐसे वीर-वीरांगनाओं की कहानियों से भरी पड़ी है जिन्होंने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश के आजाद होने तक भिन्न- भिन्न रूप में अपना अहम योगदान दिया। लेकिन भारतीय इतिहासकारों ने हमेशा से उन्हें नजरअंदाज किया है। देश में सरकारों या प्रमुख सामाजिक संगठनों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुए लोगों के जो कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं वो सिर्फ और सिर्फ कुछ प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के होते हैं। लेकिन बहुत से ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं जिनके अहम योगदान को न तो सरकारें याद करती हैं न ही समाज याद करता है। लेकिन उनका योगदान भी देश के अग्रणी श्रेणी में गिने जाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से कम नहीं है। जितना योगदान स्वतंत्रता संग्राम में देश के अग्रणी श्रेणी में गिने जाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का था, उतना ही उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का योगदान है जिनको हमेशा से इतिहासकारों ने अपनी कलम से वंचित और अछूत रखा है। भारत की पूर्वाग्रही लेखनी ने देश के बहुत से त्यागी, बलिदानियों, शहीदों और देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर-वीरांगनाओं को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास की पुस्तकों में उचित सम्मानपूर्ण स्थान नहीं दिया है। परन्तु आज भी इन वीर-वीरांगनाओं की शोर्यपूर्ण गाथाएं भारत की पवित्र भूमि पर गूंजती हैं और उनका शोर्यपूर्ण जीवन प्रत्येक भारतीय के जीवन को मार्गदर्शित करता है।

 

Contact us for news or articles - dineshdamahe86@gmail.com

Next Post

लाखनी भंडारा येथे शाहीर राजेंद्र बावनकुळे यांचा सत्कार

Sun Aug 20 , 2023
संदीप कांबळे, विशेष प्रतिनिधी  कामठी :- लाखनी भंडारा येथे राष्ट्रीय अमरकला निकेतन आणि वंचित बहुजन आघाडी तर्फे संयुक्त विदर्भ स्तरीय लोककला महोत्सव बगळे सेलिब्रेशन सभागृह लाखनी येथे नुकतेच संपन्न झाले.यावेळी संस्थापक अध्यक्ष ज्येष्ठ लोकशाहीर अंबादास नागदेवे यांच्या हस्ते कार्यक्रमाचे प्रमुख अतिथी शाहीर राजेंद्र भीमराव बावनकुळे ( आकाशवाणी, कॅसेट सिंगर) अध्यक्ष भारतीय कलाकार शाहीर मंडळ ऑल इंडिया,मानधन समिती सदस्य यांचे शाल […]

You May Like

Latest News

The Latest News

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com
error: Content is protected !!