नागपुर :- कस्तूरचंद पोस्ट ऑफिस के बगल में स्थित पार्क व्यू कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी और सेना के बीच लंबे समय से कानूनी लड़ाई चल रही है. सोमवार को अचानक सेना के अधिकारी और जवानों ने कटर की मदद से सोसाइटी की फेंसिंग काटनी शुरू कर दी.
सोसाइटी के नागरिक जमा हो गए और तनाव का माहौल बन गया. खबर मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. काफी देर तक बहस चलती रही.
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि उनकी सोसाइटी महाराष्ट्र कोऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है. वर्ष 1982 में सोसाइटी के सदस्यों ने मिलकर यह जमीन खरीदी और इस पर फ्लैट स्कीम तैयार की. जबकि सेना का कहना है कि यह जमीन उनकी है. नागरिकों ने बताया कि फ्लैट स्कीम के लिए नागरिकों ने बैंक से लोन लिया. सभी सरकारी कार्यालयों की अनुमति लेने के बाद ही निर्माणकार्य किया गया. यहां तक की प्रापर्टी कार्ड और आखिवपत्रिका में भी उनके नाम चढ़े हैं. इसके बावजूद समय-समय पर सेना के अधिकारी उन्हें परेशान करते हैं. इसके विरोध में निचली अदालत में केस भी दायर किया गया.
अदालत ने उनके पक्ष में फैसला दिया और स्थायी निषेधाज्ञा का ऑर्डर भी दिया. इसके खिलाफ सेना ने उच्च न्यायालय की नागपुर बेच में केस किया है. यह मामला न्यायालय में प्रलंबित है. ऐसे में जब तक न्यायालय का फैसला नहीं आता सेना उनकी संपत्ति पर हस्तक्षेप नहीं हस्तक्षेप नहीं कर सकती. इसके बावजूद सेना अधिकारी अपने जवानों की फौज के साथ जेसीबी मशीन ले आते हैं.
सोमवार की सुबह भी सेना के अधिकारी 15 से 20 जवानों को लेकर परिसर में दाखिल हुए. कटर के जरिए उनके कंपाउंड की फेंसिंग काटनी शुरू कर दी. लगातार उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. इसके खिलाफ सोसाइटी के रहवासियों ने डीसीएम देवेंद्र फडणवीस को भी निवेदन दिया है.