नागपुर :- जीएसटी काउंसिल ने 1. 7 . 2017 से तीन साल के समय अवधि के लिए एक अभय योजना की घोषणा की थी। इस घोषणा के अंतर्गत इस समय अवधि से संबंधित कर दाता को बकाया कर पर ब्याज और पेनल्टी की माफी की योजना है। इस योजना के अंतर्गत 31.3. 2025 तक बकाया कर का भुगतान करना है तभी योजना का लाभ मिलेगा। 31 मार्च वित्त वर्ष का आखिरी दिन होने की वजह से बहुत से लोग इस अभय योजना का लाभ लेना चाहते हैं। मगर अन्य वित्तीय बंधनों के कारण उन्हें इस अभय योजना का लाभ लेने में कष्ट हो सकता है।
टिम कैट नागपुर की एक बैठक में कर सलाहकार CA निकलेश ठाकर ने यह विषय रखा। उपस्थित सदस्यों ने अलग अलग प्रकार की समस्याएं आगे राखी। प्रेसिडेंट राजकुमार गुप्ता का कहना पड़ा की 31 मार्च को सभी बैंकों के खातों को सही करना होता है। अतः बहुत सारी रकम बैंकों में जमा हो जाएगी। इस वजह से इस योजना का लाभ लेना कठिन हो रहा है। चेयरमैन गोपाल अग्रवाल ने कहा कि 31 मार्च के पहले बहुत सारी बचत योजनाओं के अंतर्गत निवेश करना होता है। ऐसी स्थिति में व्यापारियों के पास पूंजी समित रहने की वजह से वह लोग इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे। संरक्षक किशोर धाराशिवकर ने कहा कि सरकार को यह समय सीमा बढ़ानी चाहिए। मार्च में सभी व्यापारियों का हिसाब करना होता है। ऐसे में पुरानी कर की डिमांड को भरना मुश्किल जाएगा। सचिव विनोद गुप्ता तथा सहसचिव गोविंद पटेल ने बताया कि आयकर की धारा 43B(h) के अंतर्गत शूश्म और लघु व्यवसाययों से जो माल व सेवाएं ली गई है उसका भुगतान 45 दिन में करना अनिवार्य है। ऐसी स्थिति में पूंजी के अभाव में इस समय इस योजना का लाभ नहीं ले सकते।
सभी उपस्थित व्यापारियों की बातें सुनकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतीया ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कैट ने एक पत्र भेज कर, इस योजना के अंतर्गत कर भरने की समय सीमा को 30 जून तक बढ़ाया जाए। ऐसा निवेदन किया।
बैठक में उपस्थित थे प्रभाकर देशमुख, ज्ञानेश्वर रक्षक, भवानी शंकर दवे, नारायण राठी, कैलाश छाबरिया, राजू मखीजा, सतीश बंग़, मधुसूदन त्रिवेदी आदि अनेक व्यापारी सदस्य थे।