– ‘देश में कहीं भी जाओ, 1 तारीख को कोर्ट में आओ’
नागपुर :- वर्तमान में लोकसभा के चुनाव होने जा रहे हैं. देश भर में अलग-अलग तारीखों में मतदान होने जा रहा है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का सदस्य और चुनाव के लिए स्टार प्रचारक होने के नाते न केवल विदर्भ बल्कि पूरे भारत में बैठकों में भाग लेना है.
ऐसे में सजा के निलंबन पर आदेश जारी करते हुए कोर्ट की ओर से अनुमति के बिना निचली अदालत के अधिकार के बाहर नहीं जाने तथा प्रत्येक माह की पहली तारीख को कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश दिए गए थे. इन शर्तों में छूट देने की मांग करते हुए सुनील केदार की ओर से हाई कोर्ट में अर्जी दायर की गई. याचिका पर दोनों पक्षों की लंबी बहस के बाद हाई कोर्ट ने पूर्व अनुमति के बिना जिला और सत्र न्यायालय के क्षेत्राधिकार को नहीं छोड़ने की शर्त रद्द कर दी किंतु अदालत ने हर माह की पहली तारीख को ट्रायल कोर्ट में उपस्थित रहने की शर्त को बरकरार रखते हुए अर्जी का निपटारा कर दिया.
1 जून तक प्रचार में व्यस्त
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील मिश्रा ने कहा कि 19 अप्रैल के बाद से 1 जून तक प्रचार में व्यस्तता रहेगी जिससे शर्तों में संशोधन करने का अनुरोध अदालत से किया गया. उन्होंने कहा कि चूंकि आवेदक नागपुर का स्थायी निवासी है, जिसके पास स्थायी निवास है, न्याय से भागने की कोई संभावना नहीं है. इसलिए यह शर्त बिल्कुल भी आवश्यक नहीं है. जहां तक कि इस शर्त का सवाल है कि आवेदक हर माह की पहली तारीख को ट्रायल ट्रायल कोर्ट में उपस्थित रहे तो कोई आपत्ति नहीं है.
सरकार का कड़ा विरोध
याचिकाकर्ता की अर्जी का सरकारी पक्ष की ओर से कड़ा विरोध किया गया. सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि जमानत पर रिहा करते समय कोर्ट ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथा याचिकाकर्ता के खिलाफ पेश होने वाले सबूतों पर विचार के बाद शर्तें लगाई थीं. जिला न्यायालय के समक्ष याचिकाकर्ता द्वारा दायर कोई भी अर्जी अब तक खारिज नहीं की गई है. ऐसे में इस अर्जी को खारिज करने के आदेश देने का अनुरोध अदालत से किया. दोनों पक्षों की दलीलों के बाद हाई कोर्ट ने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता को स्टार प्रचारक होने के नाते प्रचार के लिए पूरे भारत में घूमना पड़ता है. ऐसे में जिला न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को छोड़ते समय न्यायालय से अनुमति लेने की शर्त को रद्द करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है. याचिकाकर्ता को आंशिक रूप से अनुमति दी जा सकती है.