– आज वेकोलि अधिकारियों की संगठन के निवेदन पर सुनवाई
नागपुर – पिछले सप्ताह वेकोलि अधिकारियों की संगठन अपने चहेते सदस्य गौतम कुमार बासूटकर के जमानत के लिए न्यायालय की शरण में गई थी,लेकिन वहां सरकारी वकील की मांग पर न्यायालय ने निर्देश दिया कि पहले बासूटकर की पासपार्ट जमा करवाए फिर जमानत याचिका पर सुनवाई होगी,संभवतः आज सुनवाई बाद बासूटकर की रिहाई हो सकती हैं.
याद रहे कि पिछले दिनों वेकोलि की वणी नार्थ क्षेत्र के घोन्सा खदान में कार्यरत उप क्षेत्रीय प्रबंधक गौतम कुमार बासुटकर को एक लाख रुपए घुस लेते रंगेहाथ पकड़ा गया था.एक ट्रसंपोर्टर कंपनी के संचालक को ऊपरी आय के लिए नियमित परेशां किया करता था.जा हद्द पर हो गई तो उक्त ट्रांसपोर्टर ने CBI में इसकी शिकायत कर रंगेहाथ पकड़वा दिया।इस विवादास्पद अधिकारी को वेकोलि मुख्यालय के दिग्गज अधिकारियों का संरक्षण हासिल था.इसलिए खुलेआम सभी ट्रांसपोर्टर सह कोयले के खरीददारों को सताया करता था.
सूत्र बतलाते है कि घोन्सा खदान में रोडसेल कोयले को लेकर रात देर तक काटा शुरु रखता था और अच्छा कोयला खदान से निकाल कर कोल स्टॉक उसकी अफरातफरी कर उगाही की जाती थी और जिस ट्रांसपोर्ट कंपनी ने अवैध उगाही में हिस्सेदारी नहीं दी उस ट्रांसपोर्टर का कोयला ‘लॅप्स’ करवा देता था,सभी ग्राहक सह ट्रांसपोर्टर गौतम कुमार बासुटकर से तंग आ चुके थे.उक्त मामले की जाँच सभी संबंधितों की होनी चाहिए,क्यूंकि गौतम कुमार बासुटकर द्वारा की जाने वाली वसूली का हिस्सा नीचे से लेकर वेकोलि मुख्यालय के सम्बंधित दिग्गज अधिकारियों तक बनाये गए ‘सिस्टम’ के तहत पहुँचता था.
उल्लेखनीय यह है कि वेकोलि की भूमिगत खुली खदानों में क्षेत्रवार खुलेआम कोयले की कालाबाज़ारी हो रही,इस कालाबाज़ारी में सभी संबंधितों के हाथ सने हुए हैं.इस पर रोकथाम के सारे उपाययोजना या प्रयास बंद कर दिए गए,क्यूंकि जो ‘सिस्टम’ बदलने की कोशिश करता है,उसे ‘सिस्टम’ के संचालक ‘साइड लाइन’ कर देते रहे हैं.अर्थात वेकोलि के सभी क्षेत्रीय कार्यालय अंतर्गत खदानों में गौतम कुमार बासुटकर जैसे सक्रिय हैं.
उल्लेखनीय यह भी है कि वेकोलि अधिकारियों की संगठन बासूटकर जैसे अधिकारियों को हवा दे रही,इसलिए वेकोलि के हर खदान में बासूटकर जैसे अधिकारी खुलेआम सक्रीय हैं,सवाल यह है कि क्या अधिकारियों की संगठन वेकोलि में चल या चलाये जा रहे भ्रस्टाचार को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई हैं ?