– उक्त कागजातों के आधार पर RTE के बोगस लाभार्थियों का आवेदन सह प्रवेश रद्द करने की मांग नागपुर के जिलाधिकारी से ADHIKSHA RIGHTS FOUNDATION ने की लेकिन जिला प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया
नागपुर :- ADHIKSHA RIGHTS FOUNDATION के प्रतिनिधिमंडल ने पिछले सप्ताह नागपुर के जिलाधिकारी डॉक्टर विपिन इटनकर से मुलाकात कर उन्हें निवेदन सौंपा और जानकारी देते हुए मांग की कि शहर में जिलाप्रशासन के नाक के नीचे फर्जी प्रमाणपत्र तैयार किया जा रहा है,इस ग़ैरकृतों पर न सिर्फ रोक लगे बल्कि दोषियों पर कड़क कार्रवाई हो.इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर RTE के तहत मनचाहे विद्यालयों में प्रवेश दिलवाया जा रहा है,इससे गरजू – जरूरतमंद विद्यार्थी सह उनके पालक वर्ग प्रभावित हो रहे हैं.ARF ने कुछ सबूत भी दिए लेकिन जिला प्रशासन ने उसे गंभीरता से नहीं लिया।
ADHIKSHA RIGHTS FOUNDATION एक पंजीकृत संस्था है जो RTE का सख्ती से पालन हो और किसी भी जरूरतमंद गोर-गरीब के बच्चों के साथ अन्याय न हो,इसी उद्देश्य को लेकर शहर-ग्रामीण में सक्रिय हैं. इस संस्था को पिछले कुछ दिनों से RTE संबंधी अन्यायग्रस्त पालकों का निवेदन प्राप्त हुआ और उन्होंने संस्था से मदद/कोशिश करने की अपील की थी.इन पालकों के मामले की छानबीन करने पर यह निष्कर्ष निकला कि जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में फर्जी दस्तावेजों को तैयार कर मांग अनुरूप प्रमाणपत्र तैयार किये जा रहे हैं.इसी आधार पर RTE अंतर्गत मनचाहे स्कूलों में अपने बच्चों का प्रवेश करवा चुके या करवाने की कोशिश में लीन हैं. इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी को प्रकरण सह सबूत भी दिए गए.
उदाहरणतः मोहित तारेंद्र पवार का RTE आवेदन क्र. 23NG001234 हैं. आवेदन में दिए गए सुचना के अनुसार OBC का प्रमाणपत्र की मांग की गई थी,पवार का प्रमाणपत्र अप्रैल में तैयार किया गया था,इसलिए उन्हें पुराने प्रमाणपत्र लाने का निर्देश दिया गया.इस दौरान पवार ने संस्था से संपर्क किया और जानकारी दी कि वे महाराष्ट्र के नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के निवासी हैं.उन्होंने संस्था के मोबाइल के व्हाट्सप्प पर 16-03-2022 को सौंसर,छिंदवाड़ा,मध्यप्रदेश में तैयार किया गया OBC प्रमाणपत्र भेजा।इसके बाद 25-04-2023 को महाराष्ट्र का OBC जाती प्रमाणपत्र तैयार कर RTE अंतर्गत प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण की.यह फर्जी जाति प्रमाणपत्र जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में तैयार हुई,ऐसे फर्जी दस्तावेजों को तैयार करने का बड़ा रैकेट जिला प्रशासन के नाक के नीचे सक्रिय है,जिसका भंडाफोड़ कर दोषी को सजा और जिनके साथ अन्याय हो रहा,उन्हें न्याय दिलवाने की मांग संस्था के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी डॉक्टर विपिन इटनकर से की है. समाचार लिखे जाने तक उक्त गंभीर मामले पर जिलाधिकारी ने आजतक गौर नहीं किया,क्या जिला प्रशासन का फर्जी प्रमाणपत्र निर्माण करने वाली मंडली को वरदहस्त हैं ?