नाबालिगों के हाथ में स्टेयरिंग, ट्रैफिक में भी बाधाए

– कार्रवाई करेगा कौन ? ट्रैफिक पुलिस नाममात्र

– व्यस्त चौक में तलाशने के बाद भी नजर नही आती ट्रैफिक पुलिस

– हाईवे पर सिटी ट्रैफिक पुलिस का क्या काम है ? – नागरिकों का सवाल

रामटेक :- शहर में पिछले कुछ दिनों से चौपहिया वाहन की स्टेयरिंग नाबालिग बच्चों के हाथों में देखने को मिल रही है और शहर के व्यस्त चौराहों पर समय-समय पर यातायात बाधित हो रहा है. इसके बावजूद शहर की यातायात पुलिस को तलाशने के बाद भी नजर नहीं आने से नागरिक रोष व्यक्त कर रहे हैं।

रामटेक शहर, जो की तहसिल स्थल होणे के कारण यहा विभिन्न प्रधान कार्यालय हैं और इसलिए हर दिन यहापर ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में नागरिक आते हैं। फिर स्थानीय नागरिकों की गाडिय़ों के साथ उनके वाहनों की भीड शहर में विशेष रूप से बसस्टेशन चौक सहित गांधी चौक पर लगी रहती है. ज्यादातर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। नतीजन नागरिकों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। लेकिन इस समय कहीं भी शहर की ट्रैफिक पुलिस दिखाई नही देती है। खासकर रविवार को शहर के मार्केट एरीया में साप्ताहिक बाजार लगने के कारण गांधी चौक पर राहगीरों और वाहन चालकों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन दुख की बात यह है कि गांधी चौक पर कोई ट्रैफिक पुलिस नजर नहीं आता है। इसी तरह पिछले कुछ दिनों से शहर में नाबालिग बच्चे लापरवाही से चार पहिया वाहन चलाते नजर आ रहे हैं। पर्याप्त अनुभव न होणेवाले इन बच्चों के कारण कोई दुर्घटना होती है, तो इसके लिए जिम्मेदार माता-पिता होंगे या इनपर नियंत्रण या कारवाई नही करणे वाले ट्रैफिक पुलिस ? यह सवाल नागरिक उठा रहे हैं । इसी तरह शहर में नाबालिग लडके बिना लाइसेंस के तेज गति से दुपहिया वाहन चलाते हैं। जवानी के जोश और जोश से भरे ये बच्चे इस वक्त सड़क से गुजरते बुजुर्गों और बच्चों के बारे में बिल्कुल नहीं सोचते। इस समय बूढ़ों और बच्चों को जान जोखिम में डालकर रस्ते से गुजरना पड रहा है। ऐसे में अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो उसका जिम्मेदार कौन ? और अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो शहर की यातायात पुलिस के कार्य और कर्तव्य क्या हैं? नागरिकों के बीच इस तरह के भद्दे सवाल उठाए जा रहे हैं। शहर के व्यस्त गांधी चौक में तो कभी ट्रैफिक पुलिस की जगह चौक के एक कोने में होमगार्ड बैठे नजर आते हैं. हालांकि कुछ समझदार नागरिकों ने यह भी बोला है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन को कौन समझाएगा कि अधिकांश उपद्रवी वाहन चालक होमगार्ड की बात नहीं मानते हैं। कुल मिलाकर शहरवासियों की मांग है कि शहर के गांधी चौक व बस स्थानक चौक पर नियमित ट्रैफिक पुलिस तैनात की जाए।

हाईवे पर शहर की ट्रैफिक पुलिस का क्या काम ?

कोई संदेह नहीं है कि शहर में यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने और जाम से बचने के लिए शहर की यातायात पुलिस नियुक्त की जाती है। लेकिन हाल ही में शहर की ट्रैफिक पुलिस इन सब को छोड़कर रामटेक-तुमसर हाईवे पर खिंडसी या उसके पास वाहनों को रोकती नजर आ रही है. उस समय शहरवासी सोचते हैं हायवे मार्ग पर वाहनों को रोकना और उनकी जांच करना है हायवे पुलीस का कार्य है तो शहर की यातायात व्यवस्था को छोड़कर शहर की ट्रैफिक पुलिस यहां क्या कर रही है?

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