![](https://newstoday24x7.com/wp-content/uploads/2024/06/BJP-Half-page_page-0001.jpg)
मातृभूमि के प्रति प्रेम और संस्कृति के प्रति आदर जरुरी
![](https://newstoday24x7.com/wp-content/uploads/2024/06/WhatsApp-Image-2024-06-06-at-16.46.34_c08487b5.jpg)
– मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
मुंबई :- आम आदमी को केंद्र स्थान पर रखकर केंद्र और राज्य सरकार काम कर रही है. इसके पीछे छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा है. ढांचागत सुविधाएं, इमारतें, बड़ी परियोजनाएं, भौतिक सुविधाओं के साथ-साथ हमारे मातृभूमि के प्रति प्रेम, संस्कृति के प्रति आदर भी उतना ही महत्वपूर्ण है. ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान यह देश के लिए शहीद होनेवाले वीरों के त्याग एवं उनके बलिदान को नमन करने के लिए अवसर प्रदान करनेवाला कार्यक्रम है, यह प्रतिपादन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया.
राज्य सरकार के सांस्कृतिक कार्य विभाग, सांस्कृतिक कार्य संचालनालय और बृहन्मुंबई महानगरपालिका की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के समापन समारोह के अवसर ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान चलाया जा रहा है. अगस्त क्रांति मैदान में इस अभियान के अंतर्गत ‘अमृत कलश यात्रा’ राज्यस्तरीय समारोह आयोजित किया गया था, इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बोल रहे थे.
इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, ग्रामविकास मंत्री गिरीश महाजन, कौशल विकास, रोजगार, उद्यमिता, नवाचार मंत्री तथा मुंबई उपनगर पालकमंत्री मंगलप्रभात लोढा, विधायक कालिदास कोळंबकर, विधायक रमेश पाटील, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव तथा सांस्कृतिक कार्य विभाग के प्रधान सचिव विकास खारगे, नगरविकास विभाग के प्रधान सचिव के. गोविंदराज, ग्रामविकास विभाग के प्रधान सचिव एकनाथ डवले, बृहन्मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त तथा प्रशासक डॉ. इक्बालसिंह चहल, मुंबई शहर के जिलाधिकारी राजेंद्र क्षीरसागर, मुंबई उपनगर जिले के जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र भोसले, नेहरू युवा केंद्र के राज्य समन्वयक राजेंद्र मालुरे आदि उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि अगस्त क्रांति मैदान यह ऐतिहासिक मैदान है. ‘भारत छोडो’ का नारा यहीं से समूचे देश में पहुंचा. 9 अगस्त को ‘मेरी माटी मेरा देश’ उपक्रम की शुरुआत भी इसी मैदान से की गई. राष्ट्रभक्ति, देशभक्ति को बढ़ानेवाला ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम है.
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा लेकर राज्य सरकार काम कर रही है. विदेशी निवेश, ढांचागत सुविधाओं में महाराष्ट्र अग्रसर है. देश की अर्थव्यवस्था विश्व स्तर पर तीसरे स्थान की उडान भरते समय इसमें महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका साबित होगी. हमारा राज्य यह देश का ग्रोथ इंजिन होने की बात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस दौरान कही.
उन्होंने कहा कि गाँव-गाँव एकत्रित की हुई माटी इस अमृतकलशों के माध्यम से आज मुंबई में लाई गई. इस अमृत कलशों का स्वागत कर सभी ने इसमें बड़े उत्साह से भाग लिया. अमृत कलश नई दिल्ली में अमृत वाटिका में ले जाया जाएगा. देशभर से लाई गई माटी यहाँ पर एकत्रित की जाएगी. सही मायने में एकात्मता का दर्शन यहाँ पर होगा. सांस्कृतिक कार्य विभाग ने उत्तम नियोजन किया है और इस विभाग के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और उनके सभी सहयोगियों की निश्चित ही सराहना करनी होगी. इसके अलावा नागरी क्षेत्र में मुंबई महानगरपालिका और अन्य नागरी संस्थाओं की सहभागिता भी उतनी ही महत्वपूर्ण होने की बात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस दौरान कही.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि हमने शिवराज्याभिषेक दिन का 350 वां वर्ष मनाया है. जल्द ही शिवकालीन ‘वाघनखे’ हम राज्य में ला रहें है. यह हमारे संस्कृति, परंपरा के संवर्धन का प्रयास है.
कार्यक्रम में मंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि आजादी का अमृत कलश शहीदों को, शूर वीरों ने हमारे हाथों में दिया है. यह कलश सुराज्य का करना है, हमारे राज्य के प्रति, देश के प्रति प्रत्येक ने योगदान देने का भी यहीं समय है. आम जनता के हित को ध्यान में रखते हुए काम करनेवाले प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री हमें मिले है.
इस दौरान बृहन्मुंबई महानगरपालिका आयुक्त डॉ. चहल ने अपना मनोगत व्यक्त किया और इस अभियान के अंतर्गत महानगरपालिका क्षेत्र में चलाएं जा रहें उपक्रमों की जानकारी दी.
कार्यक्रम का प्रास्ताविक खारगे ने किया. देश के लिए अपना बलिदान देनेवाले शहीदों का स्मरण हम कर रहें है. सभी गाँवों-शहरों में हम विभिन्न उपक्रम चला रहे है. हमारा राज्य देश में अग्रसर है. अमृत कलश यात्रा के लिए राज्य से 414 कलश और उसके साथ ही करीबन 900 स्वयंसेवक दिल्ली में जा रहे है, इसके लिए विशेष रेलवें की व्यवस्था भी किये जाने की जानकारी उन्होंने इस दौरान दी.
कार्यक्रम की शुरुआत में भैरी भवानी परफॉर्मिग ग्रुप ने देशभक्ति पर विविध गीत-नृत्यों के कार्यक्रम प्रस्तुत किये. कार्यक्रम में उपस्थितों के प्रति नगरविकास विभाग के प्रधान सचिव के. गोविंदराज ने आभार प्रकट किये.