सावनेर – छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल में पूरे हर्षोल्लास से मनायी गई। स्कूल के प्राचार्य राजेंद्र मिश्र ने दीप प्रज्वलन कर शिवाजी महाराज की प्रतिमा को पुष्पमाला चढ़ायी। स्कूली बच्चों द्वारा तैयार किए गए रेखाचित्र सूचना फलक पर अंकित किये। स्कूल के प्राचार्य ने सभी विद्यार्थियों से ऑनलाइन शिवाजी जयंती सेलिब्रेशन में सहभागी होने की अपील की। 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी किले में शिवाजी का जन्म हुआ था। उन्हीं मराठा साम्राज्य के संस्थापक कहा जाता है। वे एक शूरवीर, दूरदर्शी राजा थे। वे कुशल रणनीतिकार थे जिन्होंने 1676 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने मुगल साम्राज्य के शासक औरंगजेब से संघर्ष किया। 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और वह छत्रपति बने। अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर – विद्या में अनेक नवाचार किए तथा छापामार युद्ध की नई शैली विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिंदू राजनीतिक प्रथाओ तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया। मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। वे भारतीय स्वाधीनता संग्राम में नायक के रूप में स्मरण किये जाने लगे। लोकनायक बाल गंगाधर तिलक ने राष्ट्रीयता की भावना के विकास के लिए शिवाजी जन्मोत्सव की शुरुआत की। पूरे हिंदुस्तान में पूरी आस्था के साथ शिवाजी जयंती मनायी जाती है।
अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल, हेती (सुरला ) में विद्यार्थियों ने अपने भाषण ,शिवाजी महाराज के जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंग, पीपीटी स्कूल के साथ साझा किया। स्कूली विद्यार्थियों ने शिवाजी की वीरगाथा से जुड़े गीत भी गाए। अरविंद बाबू देशमुख प्रतिष्ठान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. आशीष देशमुख ने सहभागी विद्यार्थियों का अभिनंदन करते हुए सभी को शुभकामनाएं प्रदान की।