– जमादार/निरीक्षक का कहना है कि विभाग ने उपलब्ध नहीं करवाया तो क्या करें,दोनों तरफ से फटकार हमें ही सुननी पड़ती हैं
नागपुर :- स्वच्छ नागपुर व सुंदर नागपुर की संकल्पना नागपुर महानगरपालिका में सिर्फ कागजों तक सिमित हैं.जिनके भरोसे शहर को स्वास्थ्य,स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी वे असुविधाओं से लैस हैं,इनकी जान -माल की किसी को कोई परवाह नहीं,अर्थात ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’.
जब से मनपा में प्रशासक राज आया तब से मनपा प्रशासन सह शहर बेपरवाह हो गया हैं.साफ़ सफाई और सुंदरता के लिए सम्मान बटोरने वाले मनपा प्रशासन के नाक के नीचे उनके ही सफाई कर्मी असुविधाओं से लैस हैं.
गंदगी,बारिश में अपनी जान जोखिम डाल कर काम करने वाले सफाई कर्मियों के पास न गमबूट और न ही रैनकोर्ट हैं.जाने अनजाने में कुछ कम ज्यादा हुआ तो काम करने वाली की गलती बताकर मामला दबा दिया जाता हैं.
साफ़-सफाई करने वाले कर्मियों पर ही अतिरिक्त काम की जिम्मेदारी लाधी जाती हैं.देर से ड्यूटी आने वाले,आधा दिन की ड्यूटी करने वाले और काम पर न आने वाले,घड़ियों में हेराफेरी करने वालों की पोल खोलने पर चौतरफा दबाव बनाया जाता हैं.
ताकि मामला ठंडा हो और जैसे सिस्टम चल रहा,चलता रहे.
उल्लेखनीय यह है कि नियमित ड्यूटी पर आने वाले और दिए गए जिम्मेदारी निभाने वाले सफाई कर्मियों के साथ नाइंसाफी हो रही है,इन्हें ही अतिरिक्त काम सौंपा जाता है और इनसे ही काम लिया जाता हैं.क्यूंकि इनका कोई वाली नहीं इसलिए इनकी मांग है कि इन पर कहर ढ़हाने वालों पर सख्त कार्रवाई सह उनका अन्य जोन में तबादला होना चाहिए।अब देखना यह है कि मनपा प्रशासन सह प्रशासक इन मामले को कितनी गंभीरता से लेता हैं.