सभी जीवित है राहत राशि धारक 279 लोग
सिवनी :- मध्यप्रदेश के जिला सिवनी अंतर्गत केवलारी तहसील मे प्राकृतिक आपदाग्रस्त 279 लोगों की मौत हो गई के नाम पर फर्जी तरीके से सरकारी तिजोरी से 11.16 करोड रुपए गबन करने का सनसनी मामला प्रकाश मे आया है।जबकि वे सभी 279 लोग जीवित है। शिकायत के अधार पर इस प्रकरण का मुख्य आरोपी केवलारी तहसील का बाबू नायब नाजिर की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है।
बताते हैं कि प्राकृतिक आपदा मे मृतक परिजनों को राहत राशि के नाम पर केवलारी तहसील कार्यालय के एक बाबू ने 279 लोगों को मरा बताकर 11.16 करोड़ का घोटाला किया। बाद में उसने यह रकम उन लोगों के खातों में डाल दी जो पात्र ही नहीं थे। सिवनी के कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग ने उसे निलंबित कर दिया है। फिलहाल पुलिस फरार आरोपी की तलाश में जुटी है।
दरअसल, तहसील कार्यालय में नायब नाजिर (बाबू स्तर का पद) सचिन राहत राशि के प्रकरण के आदेश पोर्टल पर अपलोड करने का काम करता था। उसने अलग-अलग समय पर जीवित लोगों को मृत बताकर फर्जी तरीके से आदेश तैयार कर उसे पोर्टल पर अपलोड कर दिए। बैंक खाते में चार-चार लाख रुपए पहुंच भी गए। जब जांच की गई तो पता लगा कि कुल एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत 279 लोगों के नाम से 11.16 करोड़ की राशि बैंक खातों में पहुंची है। यह पूरा काम जनवरी 2020 से अब तक किया गया।
राजस्व विभाग में पिछले दिनों ऑडिट की कार्रवाई हो रही थी तो सचिन ने अचानक ऑफिस आना बंद कर दिया। जब अधिकारियों ने उसकी अलमारी खुलवाई तो राहत राशि के कई आदेश पत्र मिले। इनकी जांच में पता चला कि कई ऐसे लोगों के खातों में रुपए डाले गए हैं जो पात्र ही नहीं थे। अभी तक ऐसे 40 खातों की जानकारी सामने आई है, जिसमें दो से तीन बार तक रुपए डाले गए। आठ अलग-अलग बैंकों के इन 40 खातों को फिलहाल होल्ड कर दिया गया है। आदेश पत्र में लेटर पेड, सील व हस्ताक्षर सब फर्जी थे। अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
पानी में डूबने, आकाशीय बिजली, सर्पदंश या अन्य कारणों से हुई मौत पर राजस्व विभाग की राहत शाखा से पीड़ित के वारसान को चार लाख रुपए दिए जाते हैं। यह फर्जीवाड़ा भी इन्हीं प्रकरणों में किया गया। केवलारी थाना प्रभारी ने बताया कि सचिन के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है। इस मामले में केवलारी तहसीलदार हरीश लालवानी ने बताया कि नायब नाजिर सचिन कुछ दिनों से कार्यालय नहीं आ रहा था। उसकी अलमारी में जो दस्तावेज मिले, उनकी जांच कराई तो 11.16 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई। उसने कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग किया।
मामला पुलिस में दर्ज कराया
गोपनीय सूत्रों की माने तो इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपी नायब नाजिर राहत राशि धारक लोगों से 60 प्रतिशत राशि वापस लेने के लिए गहन सम्पर्क मे जुटा हुआ था। भनक लगते ही किसी समाज सेवाभावी व्यक्ति ने कलेक्टर दंडाधिकारी सिवनी को शिकायत कर दी। नतीजतन गहन जांच पड़ताल के बाद आरोपी बाबू नायब नाजिर को नौकरी से निलंबित कर दिया गया और उसके खिलाफ पुलिस मे मामले की शिकायत दर्ज कर दी गई। समाचार लिखे जाने आरोपी फरार है।उपरोक्त जानकारी सिवनी के वरिष्ठ समाज सेवी पत्रकार पं. संतोष दुबे ने दी।
– टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री
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