समृद्धी महामार्ग पर होनेवाली दुर्घटनाएं रोकने के लिए महामृत्युंजय जप करने पर अपराध प्रविष्ट करना निंदनीय !
नागपूर :-समृद्धी महामार्ग पर बडी मात्रा में दुर्घटनाएं हो रही हैं । इसके लिए महाराष्ट्र सरकार प्रयत्नशील है; परंतु समाजहित को ध्यान में रखते हुए इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए दिंडोरी (नाशिक) स्थित श्री स्वामी समर्थ संप्रदाय द्वारा सवा करोड महामृत्युंजय मंत्रजप किया गया । इस पर महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के डॉ. हमीद दाभोलकर के मांग के अनुसार ‘जादूटोना विरोधी कानून’ के आधार पर बुलढाणा पुलिस ने अपराध प्रविष्ट किया है । अच्छे उद्देश्य से समाजहित के लिए किए गए धार्मिक कृत्य को अपराध कहना सीधे-सीधे जादूटोना कानून का दुरुपयोग है । यह कानून अंधश्रद्धाओं का नहीं, अपितु हिन्दुओं की धर्मश्रद्धाओं का निर्मूलन करनेवाला है, यही आज यह अपराध प्रविष्ट करने से सिद्ध हुआ है । इसीलिए हमने सडकपर उतरकर इस कानून के विरोध में सैकडों आंदोलन किए थे । कल यदि कोई विश्वकल्याण के लिए यज्ञ करे, तो उनपर भी अपराध प्रविष्ट करने की मांग ‘अंनिस’द्वारा की जाएगी एवं ऐसे अपराध प्रविष्ट कर धार्मिक कृत्यों को प्रभावित किया जाएगा । इसलिए हिन्दुओं के धार्मिक कृत्यों एवं श्रद्धा पर आघात करनेवाला यह काला कानून ही निरस्त किया जाए, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक सुनील घनवट ने की । इसलिए शीघ्र ही मुख्यमंत्री से भेट करनेवाले हैं, यह भी घनवट ने कहा ।
घनवट ने आगे कहा, जादूटोनाविरोधी कानून हिन्दू धर्म के विरोध में ही है । यदि यह कानून केवल ठगी, आर्थिक लूट अथवा अत्याचार के विरोध में है, तो समृद्धी महामार्ग की दुर्घटनाएं रोकने, जनता के प्राण बचें, इस अच्छे उद्देश्य से स्वयं के खर्च से कोई प्रार्थना, पूजा, मंत्रजप आदि कर रहा हो, तो उसमें गलत क्या है ? इसमें कौन सा अपराध है ? इससे कानून व्यवस्था में कहां बाधा उत्पन्न हुई ? इसका उत्तर अंधश्रद्धा निर्मूलन समितिवालों और उनके दबाव में यह अपराध प्रविष्ट करनेवाली पुलिस ने हिन्दू समाज को देना चाहिए
स्वयं मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री प्रतिवर्ष आषाढी एवं कार्तिकी वारी में भगवान श्री पांडुरंग के चरणों में प्रार्थना एवं पूजा करते हैं कि ‘किसान सुखी हों, अच्छी फसल उत्पन्न हो, अकाल अथवा प्राकृतिक आपदा दूर होने दें ।’ तब उस पूजा पर भी अंनिसवाले अपराध प्रविष्ट करेंगे क्या ? अनेक मंत्री अपने निवासस्थान अथवा उनके कार्यालय में शुभ कार्य होने एवं बाधाएं दूर होने के लिए श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं । उन पर भी अंनिसवाले अपराध प्रविष्ट करेंगे क्या ? जनता की रक्षा के लिए प्रार्थना करनेवालों पर अपराध प्रविष्ट कर जनहित कैसे साध्य हो सकता है ? हिन्दू धर्म पर आघात करने के लिए इस कानून का उपयोग एक हथियार के रूप में किया जा रहा है । एड्स, केन्सर जैसे अनेक असाध्य रोग ठीक करने का दावा ईसाई मिशनरियां करती हैं तथा वास्तविक रूप से जनता को ठगती हैं । इन ईसाई मिशनरियों के कार्यक्रमों पर अपराध प्रविष्ट करने के लिए अंनिसवाले कभी आगे नहीं आए हैं; परंतु यहां महामृत्युंजय जप करने पर अपराध प्रविष्ट किया गया, इससे इनका हिन्दू धर्मविरोधी चेहरा दिखाई देता है । सरकार अंनिसवालों का यह षड्यंत्र निष्फल करने के लिए जादूटोना विरोधी कानून निरस्त करे, ऐसा घनवट ने कहा है ।