– वार्ड अधिकारी,सहायक आयुक्त,मनपा मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी नतमस्तक
नागपुर :- मनपा हो या कोई भी राज्य या केंद्र सरकार का विभाग 3 से 5 साल के मध्य उनका तबादला का नियम हैं.लेकिन मनपा नागपुर में यह नियम या तो लागु नहीं है या फिर मुख्यालय स्तर सह आईएएस अधिकारियों की चलती नहीं हैं.इसलिए मनपा के सभी ज़ोन के ‘सैनिटरी इंस्पेक्टर’ का उनके उनके जोन में दबदबा कायम हैं.जो 8 से 15 साल से एक ही ज़ोन में चिपके पड़े हैं,उनका कोई भी ‘बाल बांका’ नहीं कर पा रहा हैं.बल्कि सफाई कामगार दिवस के दौरान इनमें से कुछ का सत्कार कर अपनी असमर्थता दर्शा रही मनपा प्रशासन।
क्या करते हैं सभी जोन के सैनिटरी इंस्पेक्टर
– अपने अपने अधीनस्त न काम पर आने वाले,आधे दिन ड्यूटी बजने वाले,देरी से ड्यूटी पर आने वाले,ड्यूटी पर आकर काम करने के बजाय अड्डेबाजी करने वाले को संरक्षण
– अपने और अपने आला अधिकारियों के मनमाफिक उनकी मांगपूर्ति खासकर खाद्य सामग्री
– निजी मोहल्ले,कॉलोनी,अपार्टमेंट आदि का रोजाना साफ़-सफाई का ठेका
– महिला कर्मियों को कामकाज में पूर्ण राहत देना
– स्थानीय जनप्रतिनिधियों के घरों का निजी काम करना या करवा कर देना
उक्त धांधली पिछले डेढ़ 2 दशक से मनपा में शुरू है,मनपा के तमाम अधिकारी,जनप्रतिनिधि आँख बंद कर तमाशा देख रहे है,मनपा प्रशासक से एमओडीआई फाउंडेशन ने मांग की है कि तमाम जोन के सैनिटरी इंस्पेक्टर के कार्यकाल की जाँच की जाए,जाँच पूर्व उनके तबादले की जाए.
यह कदम उठाना मनपा प्रशासक के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकती है,इन इंस्पेक्टरों की पहुँच राज्य के मंत्रियों तक होने से उनके उनके कार्यालय से उनके तबादले सह कार्रवाई रुकवाई जा सकती हैं,अमूमन अब तक ऐसा ही होता रहा हैं.
अब देखना यह है कि मनपा आयुक्त या मनपा प्रशासक उक्त मसले को कितनी गंभीरता से लेते हैं.