नागपुर :- संचालन/संरक्षण मंडल सिर्फ VVIP दर्शनर्थियों के वक़्त सक्रीय होते/दिखते हैं.जगह जगह गंदगी,परिसर की इमारतें पीकदान बन गई,सीढ़ियों से ऊपर चढ़ना-उतरना नाक में कपड़ा बांध कर करना पड़ता,जगह जगह पानी जा जमाव,बांधकाम का मलवा का जमावड़ा आदि से लबरेज हैं.पार्किंग शुल्क,जूता चप्पल रखने का शुल्क लिया जा रहा लेकिन व्यवस्था कुछ भी नहीं,जिसे जो मन में आए वही वाहन पार्क कर चलते बनते हैं.पार्किंग वसूलने वाले नाको पर असामाजिक तत्वों का डेरा जो आवाजाही करने वालों के लिए दिक्कतें पैदा कर रहे हैं.नालियों से मलवा निकाल कर वहीं बदबू फ़ैलाने के लिए छोड़ दिया गया,अमूमन नालियों में गंदगी आसपास के दुकान वालों की होती है,लेकिन इल्जाम आगंतुकों पर मढ़ा जाता हैं.उक्त अवयवस्था के बावजूद मंदिर के संरक्षक/संचालन मंडल खुद की पीठ थपथपा रहे है,जबकि जिस हिसाब से राज्य सरकार ने मंदिर परिसर विकास के लिए निधि दी है,उस हिसाब से अभी मंदिर का विकास होना बाकि है,फ़िलहाल एक ही संचालक की तूती बोल रही है,मंदिर में अधिकांश कर्मी/दुकानदार आदि इसी संचालक के समर्थक सक्रिय हैं.