नागपुर :- श्री वल्लभाचार्य विश्व कल्याण ट्रस्ट, श्री दशा सोरठिया वणिक गुजराती समाज व श्री माता सामुद्री मंदिर निर्माण समिति की ओर से कच्छी वीसा मैदान, लकड़गंज में श्रीमद् भागवत कथा जारी है. भागवत कथा का सुंदर सरस वर्णन कथा वाचक वल्लभकुलभूषण वैष्णवाचार्य गोस्वामी 108 वृजराजकुमार महोदयश्री कर रहे हैं. अध्यक्षता वैष्णवाचार्य गोस्वामी 108 द्रुमिलकुमार महोदयश्री कर रहे हैं. श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन 15 जनवरी तक दोपहर 3 से 7 बजे तक किया गया है.
आज महाराजश्री ने आज कहा कि जैसे शरीर के पोषण के लिए पौष्टिक आहार भोजन है वैसे ही मन और बुद्धि के पोषण के लिए पौष्टिक आहार श्रीमद् भागवत है. जन्म जन्म के पुण्य का जब उदय होता है तब जाकर श्रीमद् भागवत सत्संग करने की इच्छा व्यक्ति में प्रकट होती है. भागवत के मुख्य चार अवतार जुड़े हुए हैं. भगवान वेदव्यास जिन्होंने 17 पुराण रचे हैं, वह रचना के बाद उनको संतुष्टि नहीं हुई और भागवत जी को प्रगट करके उनको संतुष्ट प्राप्त हुआ। जीवन में कई ग्रंथों को श्रवण किया होगा लेकिन जब तक श्रीमद् भागवत जी का श्रवण नहीं हुआ है तब तक व्यक्ति को परम आनंद की उपलब्धि नहीं हो सकती है.
उन्होंने कहा कि यह जगत सत्य है, ब्रह्म रूप है. जीव भगवान का अंश है और परमात्मा अंशी है. भगवान में से प्रगट हुआ यह जगत मिथ्या नहीं हो सकता। सनातन वैदिक हिंदू धर्म के चार प्रमाणित ग्रंथ है। वेद, महाभारत, श्रीमद् भागवत गीता और श्रीमद भगवतम। भागवत में परमात्मा की लीलाओं का रसपान है। श्री कृष्ण रस बिना जीवन में सभी रस वह नीरस है, क्योंकि कृष्ण ही साक्षात सच्चिदानंद रूप है, सदा है, सर्वदा है, वैसे भागवत में से प्रगट हुआ आनंद भी भागवत भक्ति की चरम सीमा पर पहुंच के भगवान के जीव ह्रदय में सच्चिदानंद रूप से अनुभवी सदा आनंद को प्राप्त कर सकते हैं.
आज व्यासपीठ का पूजन धारिणी सेलारका, जिगना शाह, रीता गगलानी, गीता गगलानी, मनोज मलकान, जयप्रकाश मालविया, रितेश सेलारका, मंथन सांगानी, प्रीतश आनंदपारा, अमित मांडविया, पंकज झवेरी, नीलेश सिद्धपारा, जिगनाबेन भूपतानी, पुनिताबेन राजकोटिया, मानसी सिद्धपारा, दीपाबेन सेलारका, सहित अन्य ने किया.