– जब सैयां बने कोतवाल फिर डर काहे का….
नागपुर :- विगत लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 400 पार तो नही किया लेकिन कांग्रेस 100 पार हो ही गई, जिसमें से सबसे आश्चर्यजनक जीत रामटेक से चुने गए तथाकथित कांग्रेस उम्मीदवार।
यह उम्मीदवार जो आज संसद सदस्य है,बनते ही सैकड़ों सवाल उठने लग गए। कौन है यह,क्या पेशा था या है,कितनी देनदारी है,खनिज संपदा दोहन से इनका प्रत्यक्ष,अप्रत्यक्ष क्या संबंध !
क्या यह जिले या लोकसभा का रत्तीभर मुद्दा लोकसभा में उठा पाएंगे,क्या जिले के भौगोलिक जानकारी या जरूरतों से ये वाकिफ है। क्या होगा इस लोकसभा क्षेत्र का..!
कांग्रेस के जिले के एक पदाधिकारी के अनुसार उक्त नवनिर्वाचित संसद सदस्य के कार्यकाल में खनिज संपदा का दोहन बढ़ेगा और प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी,जो प्रशासन के लिए सबसे बड़ी सरदर्द साबित होगी।अब तक बावनकुले और जैस्वाल का एकतरफा राज था.
गडकरी-बर्वे की जीत एक रणनीति का हिस्सा
मोदी-शाह का तीसरा प्रयास भी असफल रहा,वह यह कि गडकरी तीसरी दफे चुन कर आए.इसी तरह रामटेक से फडणवीस समर्थक बतौर भाजपा उम्मीदवार पारवे को हार का सामना करना पड़ा.शहर में फडणवीस समर्थकों ने गडकरी के खिलाफ काम किया तो रामटेक में गडकरी के समर्थकों ने पारवे को घर बैठा कर दम ली.नागपुर में केदार व उसके समर्थकों ने अंत अंत में गडकरी की बेड़ा पार करवाई तो रामटेक में बावनकुले,कोहले जैसे भाजपा पदाधिकारियों ने बर्वे को लोकसभा पहुंचा दिया।
गडकरी का डिमोशन
पहली बार लोकसभा जीते तो मतों का अंतर काफी बड़ा था,तब उन्हें 4-4 मंत्रालय का प्रभार दिया गया था,उनके बाद दूसरी दफा जीत का अंतर लगभग आधा हो गया पहले चुनाव के हिसाब से तो उनको 4 के बजाय मात्र 2 मंत्रालय का प्रभार दिया गया,इस बार गडकरी की जीत का अंतर पहले के बनस्पत चवन्नी रह गई तो उन्हें मोदी-शाह ने मात्र 1 मंत्रालय देकर ठंडा किया।
क्या रामटेक से संसद सदस्य ‘रबर स्टैम्प हैं !
इनके संसदीय निधि कौन बांटेगा,लोकसभा क्षेत्र में निधि वितरण और ठेकेदार कौन तय करेगा,ग्राम पंचायत से लेकर विधायक चुनाव तक उम्मीदवारों का चयन कौन करेगा,कम से कम बर्वे तो नहीं करेंगे ? जिलापरिषद में भी न के बराबर दखल देने की स्थिति में होंगे ? क्यूंकि सारा का सारा व्यवहार किसी अन्य के इशारे पर उनके ही कार्यालय से होने वाला है या होना शुरू हो गया है,सिर्फ और सिर्फ सम्पूर्ण जिले में दौरे सह बैठकों में हिस्सा लेने और तैयार प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करके उनसे पोस्टमैन जैसा व्यवहार करवाया जाएगा।
अब गडकरी करेंगे रामटेक का विकास
पिछले 2 टर्म में मनमाफिक विकास कार्य करने में गडकरी को अड़चन आ रही थी,इस बार क्यूंकि उनके मनमाफिक भले ही विरोधी पक्ष का संसद सदस्य है,इस क्षेत्र का विकास भी तेजी से होगा।इस टर्म में केदार की सिफारिश पर बर्वे के पत्र पर गडकरी जिले के लिए प्रोजेक्ट सह निधि भरपूर लाएंगे,फिर केंद्र से हो या राज्य से.