नई रीसर्चः बादाम के साथ स्नैकिंग वज़न प्रबन्धन में हो सकती है कारगर

– बादाम से आहार की गुणवत्ता बढ़ती है और दिल की सेहत को फायदा होता है

– इससे व्यस्कों को कम कैलोरी की डायट के फायदे मिलते हैं

भारत :- दो नए वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि बादाम से आहार की गुणवत्ता बढ़ती है और वज़न के प्रबन्धन में मदद मिलती है। बादाम ओबेसिटी/ मोटापे या अधिक वज़न वाले व्यस्कों के लिए कम कैलोरी की डायट में शामिल कर वज़न घटाने में कारगर हो सकते हैं।

Obesity में प्रकाशित पहले अध्ययन , जिसे ऑल्मण्ड बोर्ड ऑफ कैलिफोर्निया द्वारा वित्तपोषण दिया गया, इस अध्ययन में 25-65 वर्ष के 140 ऑस्ट्रेलियाई लोगों पर नौ महीने के लिए अध्ययन किया गया, जो अधिक यानि मोटापे के शिकार थे। अध्ययन के पहले तीन महीनों के दौरान प्रतिभागियों ने मेवों से रहित या बादाम से युक्त आहार के साथ अपनी रोज़मर्रा की कैलोरी को 30 फीसदी कम किया (बादाम उनकी रोज़मर्रा की कैलोरी की ज़रूरत का 15 फीसदी हिस्सा पूरा कर रहे थे, जो 1.0-1.76 आउंस-30-50 ग्राम के बराबर है)। दोनों आहारों में प्रतिभागियों के वज़न में औसतन 15 पाउण्ड/ 7 किलो की कमी आई और तीन महीने बाद उनके लीन बॉडी मास में भी सुधार हुआ। इसके अलावा अगले छह महीनों में उनका वज़न लगभग 2 पाउण्ड / 1 किले कम हुआ।

‘‘वेट मैनेजमेन्ट प्रोग्राम के बाद वज़न को सामान्य बनाए रखना चुनौती होती है, प्रोग्राम खत्म होनेके बाद बहुत से लोगों का वज़न फिर से बढ़ जाता है।’’ डॉ एलीसन कोएट्स, प्रोफेसर ऑफ ह्युमन न्युट्रिशन और डायरेक्टर ऑफ अलायन्स फॉर रीसर्च इन एक्सरसाइज़, न्यूट्रिशन एण्ड एक्टिविटी, युनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया ने कहा। ‘‘अध्ययन से पता चला कि वज़न प्रबंधन प्रोग्राम के दौरान आहार में बादाम शामिल करने से वज़न प्रभावी रूप से कम होता है, साथ व्यक्ति को उचित पोषण भी मिलता रहता है, जिससे उनका स्वास्थ्य ठीक बना रहता है।

बादाम का सेवन करने वाले प्रतिभागियों में लीपोप्रोटीन सबफ्रैशन (एक प्रकार का लीपोप्रोटीन जो रक्त में कॉलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लीसराईड लेकर जाता है) में सुधार हुआ, जिससे दिल की बीमारियों की संभावना कम हो जाती है। वैज्ञानिक अध्ययनों ने सुझाव दिया है, हालांकि प्रमाणित नहीं किया है कि रोज़ाना 1.5 आउंस मेवे खाने और साथ में कम मात्रा में सैचुरेटेड वसा और कॉलेस्ट्रॉल से युक्त आहार के सेवन से दिल की बीमारियों की संभावना कम हो जाती है। अध्ययनों के दौरान दिल की बीमारियों और डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों में बादाम की विभिन्न खुराब की जांच की गई है।

दूसरे 12 महीनों के अध्ययन ए को American Journal of Clinical Nutrition में प्रकाश्ति किया गया, जिसे भी ऑल्मण्ड बोर्ड ऑफ कैलिफोर्निया द्वारा वित्तपोषण दिया गया। इसके अनुसार जब लम्बे समय तक बादाम का सेवन स्नैक्स के रूप में किया जाता है, इससे आहार की गुणवत्ता और वज़न में सुधार होता है। यह अध्ययन न्यूज़ीलैण्ड के व्यस्कों में किया गया। 16 प्रतिभागियों को रोज़ाना 1.5 आउंस/ 43 ग्राम बादाम खाने के लिए कहा गया, जो उनकी रोज़ाना की कैलोरी की 10 फीसदी ज़रूरत को पूरा करते हों (जो भी अधिक हो), जबकि शेष प्रतिभागियों ने ज़्यादा कार्बोहाइड्रेट से युक्त स्नैक्स का सेवन किया। बादाम खाने वाले ग्रुप अधिक मात्रा में प्रोटीन, पॉलीअनसैचुरेड एवं मोनोसैचुरेटेड फैट, फाइबर, विटामिन ई, कैल्शियम, कॉपर, मैग्निशियम, फॉस्फोरस और ज़िंक का सेवन भी दूसरे ग्रुप की तुलना में अधिक मात्रा में किया, जबकि कार्बोहाइड्रेट का सेवन तुलनात्मक रूप से कम मात्रा में किया।

अध्ययन के दौरान किसी भी ग्रुप में वज़न में या लिपिड में उल्लेखनीय बदलाव नहीं पाए गए, इससे स्पष्ट है कि बादाम के कारण वज़न नहीं बढ़ता है। बादाम का सेवन करने वाली महिलाओं में विसरल फैट में कोई बदलाव नहीं हुए, लेकिन पुरूषों में विसरल फैट में बढ़ोतरी हुई (बिस्कुल ग्रुप की तुलना में)। ये परिणाम पिछले अध्ययनों में नहीं पाए गए हैं, लेकिन इस बात पर ध्यान देना ज़रूरी है कि यह अध्ययन कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान किया गया, जब लोगों की आहार और व्यायाम की आदतें बदल गई थीं। लोगों का वज़न सामान्य या अधिक था।

रितिका समद्दर, रीजनल हैड- डायटेटिक्स, मैक्स हेल्थकेयर- दिल्ली ने कहा, ‘‘ब्राउन स्टडी में पाया गया कि एक साल तक बिस्कुट के बजाए बादाम को चुनने से व्यक्ति को ज़रूरी पोषण जैसे प्रोटीन, फाइबर, विटामिन औेर मिनरल्स अधिक मात्रा में मिले, ऐसे लोगों का फैट प्रोफाइल बेहतर था। बादाम वाले ग्रुप को मोनोसैचुरेटेड एवं पॉलीसैचुरेटेड फैट के फायदे मिले, उनके कार्बोहाइड्रेट और चीनी के सेवन की मात्रा कम हुई। ऐसे में स्पष्ट है कि बादाम को आहार में शामिल करने से स्वास्थ्य को लम्बे समय तक लाभ होता है। सोच-समझ कर उचित आहार का सेवन करने और आहार में बादाम को शामिल करने से व्यक्ति के आहार की गुणवत्ता, समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है, व्यक्ति पेट भरा हुआ महसूस करता है, उसका वज़न नियन्त्रण में बना रहता है। इस अध्ययन में दोनों समूहों में उल्लेखनीय और तकरीबन एक समान वज़न में कमी आई (एक समूह जो बादाम से युक्त आहार का सेवन कर रहा था-एईडी और दूसरा समूह जो मेवों से रहित आहार का सेवन कर रहा था।-एनएफटी) दोनों समूहों के बीच मैक्रोन्युट्रिएन्ट खासतौर पर मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड और पॉलिसैचुरेटेड फैटी एसिड के स्तर में बदलाव में अंतर पाया गया। एईडी में एनएफडी की तुलना में मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड और पॉलिसैचुरेटेड फैटी एसिड अधिक पाए गए। साथ ई एल्फा-टोकोफोरोल (विटामिन ई) भी अधिक मात्रा में पाया गया।

डॉ रोहिणी पाटिल, एमबीबीएस एवं पोषण विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘ये अध्ययन संतुलित एवं सेहतमंद आहार में बादाम की भूमिका पर ज़ोर देते हैं। इनके अनुसार बादाम स्नैक्स का अच्छा और पोषक विकल्प है, जो आहार की गुणवत्ता में सुधार लाता है और शरीर के वज़न को भी बेहतर बनाता है। इसके अलावा दोनों अध्ययन वज़न में कमी लाने और दिल की सेहत में सुधार लाने के लिए कम उर्जा से युक्त आहार के सेवन की सलाह देते हैं, जिसमें बादाम और अन्य मेवों के विकल्प शामिल हों। इन परिणामों से स्पष्ट है कि बादाम संतुलित आहार का महत्वपूर्ण अवयव हैं, दिल की सहज एवं वज़न प्रबन्धन में कारगर हैं।’’

शीला कृष्णास्वामी, पोषण एवं वैलनैस कन्सलटेन्ट ने कहा, ‘‘बहुत से लोगों का मानना है कि नियमित रूप से बादाम का सेवन करने से मोटापा बढ़ता है। यहां इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि दो अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि बादाम के नियमित सेवन से मोटापा नहीं बढ़ता है। बादाम के नियमित सेवन से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। साथ ही व्यक्ति के पोषण एवं आहार की गुणवत्ता में भी सुधार होता है। एक और अध्ययन के मुताबिक इससे ब्लड प्रेशर, ब्लड लिपिड और लिपोप्रोटीन के सबफ्रैक्शन में भी सुधार होता है। एक अन्य अध्ययन के अनुसार अल्ट्रा प्रोसेस्ड स्नैक जैसे बिस्कुट, कुकीज़ या क्रैकर्स के बजाए बादाम का सेवन करने वाले व्यक्ति प्रोटीन, फाइबर, विटामिन ई, कैल्शियम, कॉपर, मैग्निशियम, फॉस्फोरस, ज़िंक मूफा का सेवन भी अधिक मात्रा में करते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं।

ये अध्ययन बताते हैं कि बादाम को सेहतमंद आहार में शामिल करने सेवज़न नहीं बढ़ता। इसलिए इसे कम कैलोरी के आहार में शामिल किया जा सकता है। इससे आहार की गुणवत्ता में सुधार होता है, दिल की बीमारियों की संभावना कमहोती है और वज़न पर भी नियन्त्रण बना रहता है।

एक आउंस/ 23 ग्राम बादाम में 4 ग्राम फाइबर और 15 ज़रूरी पोषक तत्व होते हैंः 77 मिलीग्राम मैग्निशियम, 210 मिलीग्राम पोटैशियम, 7.27 मिलीग्राम विटामिन ई जो वज़न प्रबन्धन कारगर है। 28 ग्राम बादाम की एक सर्विंग में 13 ग्राम अनसैचुरेटेड फैट और सिर्फ 1 ग्राम सैचुरेटेड फैट होते हैं।

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