– जनलोकपाल संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का लगाया आरोप, प्रधानमंत्री पर मामला दर्ज करने मांग!
नागपुर :- देश में आगामी 19 अप्रैल 2024 से लोकसभा की 543 सीटों पर 7 चरणों में आम चुनाव संपन्न होने वाले हैं।
चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया के तहत संपन्न हो इसके लिए भारतीय चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता का गठन किया हैं।
इस कानून में राजनैतिक और गैर राजनैतिक दलों के उम्मीदवारों,कार्यकर्ताओं द्वारा मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता और लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अनुसार ‘चुनावी अपराध’ और ‘भ्रष्ट आचरण’ के रुप में सूचीबद्ध किया गया हैं।इन कार्यों में लिए इन कानूनों के तहत उचित दंड का प्रावधान हैं।
नागपुर शहर में भी लोकसभा चुनाव में खड़े उम्मीदवारों का चुनावी प्रचार प्रसार बड़े ही धूमधाम से शुरू हैं।परंतु चुनाव में खड़े उम्मीदवारों द्वारा,राजनैतिक दलों द्वारा जानबूझकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने की खबरें आ रही हैं।
हाल ही में भाजपा के उम्मीदवार नितीन गडकरी की वैशाली नगर में चुनाव प्रचार रैली में स्कूली बच्चों का इस्तेमाल करने पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया।
जनलोकपाल संघर्ष समिति के संयोजक राजेश पौनीकर ने भी वर्धा रोड,छत्रपति चौक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संत तुकाराम की वेशभूषा में लगे बड़े होर्डिंग्स में हाथ जोड़कर “एक भारत,श्रेष्ठ भारत” “ही आहे मोदींची गॅरंटी” , “फिर एक बार मोदी सरकार”, “कमळाचे बटन दाबा,भाजपाला विजयी करा” जैसे स्लोगन लिखकर जाति संप्रदाय की आड़ लेकर मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन का मामला दर्ज करने की भारतीय चुनाव आयोग से मांग की हैं।
पौनीकर ने सभी उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने के लिए प्रचार प्रसार करने पर किसी भी प्रकार की आपत्ति व्यक्त नहीं की हैं,परंतु उम्मीदवारों द्वारा भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता के जारी दिशा निर्देशों का जानबूझकर उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता और लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत कठोर कार्यवाही करने की मांग भारतीय चुनाव आयोग से की हैं।
पौनीकर के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के एक समझदार और जिम्मेदार लोकसेवक हैं।ऐसे में चुनावी प्रचार प्रसार में किसी विशेष धर्म,संप्रदाय के संत की वेशभूषा में मतदाताओं को रिझाने के लिए,भाजपा को जीताने के लिए हाथ जोड़कर वोट मांगना बड़े ही शर्म की बात हैं।
भारतीय चुनाव आयोग के आदर्श आचार संहिता कानून में उम्मीदवारों द्वारा वोट हासिल करने के लिए किसी भी जाति या सांप्रदायिक भावनाओं की अपील करना भी आदर्श आचार संहिता कानून के दायरे में आती हैं। अतएव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला अवश्य ही बनता हैं।
इस अपराध के लिए उन्हें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत अतिशीघ्र मामला दर्ज करके सजा देने की मांग राजेश पौनीकर ने भारतीय चुनाव आयोग से की हैं।