MLA हॉस्टल: विधायकों ने मुंह फेरा,करोड़ों का खर्च किसके लिए ?

नागपुर :- हर वर्ष शीत सत्र के पहले पूरा प्रशासन नेताओं की आ‍वभगत में लग जाता है. सत्र में हिस्से लेने के लिए विभिन्न मतदाता क्षेत्र से विधायक नागपुर आते हैं. उनके रहने और भोजन की व्यवस्था अच्छी से अच्छी हो इसके लिए करोड़ों रुपया खर्च किया जाता है.

नागपुर के विधायक निवास को चमकाया जाता है लेकिन सच तो ये है कि विधायकों को एमएलए हॉस्टल रास नहीं आता. विधायकों के लिए बने एमएलए हॉस्टल से नेताओं ने मुंह फेर लिया है. अधिकांश कमरों में चमचों का डेरा है. ज्यादातर विधायक शहर के बहुमंजिला होटलों में ठहरे हैं. तो सवाल ये उठता है कि आखिर करोड़ों रुपये खर्च क्यों किए जा रहे हैं? ऐसा नहीं है कि सभी विधायक होटल में रुके हैं. कुछ बड़े नेता आज भी विधायक निवास में ही रुकना पसंद करते हैं. पूर्व मंत्री जयंत पाटिल, महादेव जानकर और विधायक मिटकरी सहित बड़ी संख्या में महिला विधायक एमएलए हॉस्टल में ही रुकी हैं लेकिन पुरुष विधायक एमएलए हॉस्टल में दिखाई नहीं दिए.

एमएलए हॉस्टल में 3 विंग हैं जिनमें कुल 386 रूम उपलब्ध हैं. यहां कर्मचारियों की मानें तो 300 से ज्यादा रूम अलॉट हो चुके हैं. विधायकों के निजी सचिवों ने अपने विधायक के नाम पर कमरा बुक कर लिया है. विधायकों के बारे में पूछने पर बताया गया कि कुछ चुनिंदा विधायक ही दिखाई दिए हैं. अधिकांश रूम में उनके पीए, सुरक्षा रक्षक और ड्राइवर ही आराम फरमा रहे हैं.

एक कर्मचारी ने बताया कि आजकल विधायक निवास में कम ही नेता रुकते हैं. ज्यादातर नेता बाहर ही रहते हैं. एक समय था जब दिग्गज नेता विधायक निवास में ही रुका करते थे. मंत्री पद से हटने के बाद भूतपूर्व मंत्री आरआर पाटिल भी हमेशा एमएलए हॉस्टल में ही रुका करते थे. तब का माहौल अलग था. नेताओं से मिलने के लिए कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ता था लेकिन अब स्थिति बिल्कुल विपरीत है. अधिकांश रूम में विधायकों के पीए या अन्य कर्मचारी ही रुकते हैं. नेताओं की सुरक्षा और निजता का सवाल है, इसलिए कोई भीतर जाकर जांच नहीं करता कि आखिर रूम में कौन रह रहा है लेकिन अब पहले जैसी उपस्थिति नहीं है.

चाय से ज्यादा केतली गरम

कर्मचारियों का कहना है कि विधिमंडल द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार विधायकों के रूम का अलाटमेंट करना हमारी जिम्मेदारी है. अब विधायक रूम में रुकें या होटल में. हमें तो आदेश का पालन करना है. हमारी क्या मजाल कि किसी से सवाल कर लें. अब चाय से ज्यादा केतली गरम रहती है. प्रशासन ने तो एमएलए हॉस्टल के रिसेप्शन को चमका दिया. बेड पर नई चादर, तकिये और कंबल लग गए. सभी रूम में मेंटनेंस का काम 8 दिन पहले ही पूरा हो गया था.

रविवार से हो सकती है उपस्थिति

एक कर्मचारी ने बताया कि विधायकों के रूम में कब्जा हो चुका है लेकिन जानकारी मिली है कि नेतागण रविवार को नागपुर पहुंच सकते हैं. गुरुवार और शुक्रवार को सत्र की औपचारिकता ही पूरी हुई है लेकिन असली माहौल तो सोमवार से ही बनेगा, इसलिए कई विधायक नागपुर नहीं पहुंचे हैं. अब कितने विधायक यहां रुकते हैं यह तो सोमवार को ही पता लग पाएगा.

स्थानीय नेताओं के भी रूम अलॉट

जानकारी मिली है कि नागपुर जिले के 12 विधायकों के नाम पर भी रूम अलॉट हुए हैं. 2 पार्टियों के प्रदेशाध्यक्षों के नाम पर पहली विंग में ही रूम अलॉट हुआ है. इन कमरों में कोई रुका है या नहीं इसकी जानकारी कोई कर्मचारी नहीं दे पाया. अब स्थानीय नेताओं के तो नागपुर में ही निवास स्थान हैं. ऐसे में उनका एमएलए हॉस्टल में रुकने का औचित्य नहीं है.

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