लेकिन केंद्र की ओर से आर्थिक मामलों में दोहरा मापदंड –मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कड़ी प्रतिक्रिया
मुंबई दि.27 दिसंबर: आज प्रधानमंत्री ने कोविड से संबंधित बैठक में पेट्रोल और डीजल के टैक्स का मुद्दा उपस्थित कर राज्य सरकार के कारण पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने का आरोप लगाया, लेकिन देश के विकास में सबसे बड़ा योगदान देने वाले महाराष्ट्र जैसे राज्य के साथ दोहरा मापदंड अपनाने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह स्पष्ट करना आवश्यक है ताकि नागरिकों को तथ्य का पता चल सके।
महाराष्ट्र को केंद्रीय कर का 5.5 फीसदी मिलता है। कुल प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट टैक्स) में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 38.3 प्रतिशत है। महाराष्ट्र से देश में सबसे अधिक 15 प्रतिशत जीएसटी एकत्र होता है। प्रत्यक्ष कर और जीएसटी दोनों को मिलाकर महाराष्ट्र देश का नंबर एक राज्य है। इसके बावजूद राज्य का अभी भी करीब 26,500 करोड़ रुपए जीएसटी बकाया है।
राज्य सरकार से बार-बार केंद्र से एनडीआरएफ के मानदंडों को बढ़ाकर आपदा पीड़ितों की मदद करने के लिए कहा है, लेकिन केंद्र ने कोई कार्यवाही नहीं की है। इसके विपरीत राज्य ने विभिन्न आपदाओं में मानक से अधिक का मुआवजा प्राकृतिक आपदा पीड़ितों को दिया है। तौकते जैसे चक्रवातों तुफानों में महाराष्ट्र से ज्यादा गुजरात को केंद्रीय मदद दी गई है। महाराष्ट्र सरकार ने न केवल किसानों के कर्जमुक्ति दी है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का भी फैसला किया है। कोविड काल में सभी कमजोर और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई। शिवभोजन योजना के तहत जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन दिए गए। आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हुए महाराष्ट्र ने अपनी जिम्मेदारी निभाई। केंद्र से सभी राज्यों के साथ समान व्यवहार की उम्मीद है। ऐसा भी मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा।
आज मुंबई में एक लीटर डीजल की कीमत में 24 रुपए 38 पैसे केंद्र का और 22 रुपए 37 पैस राज्य के टैक्स का हिस्सा है। पेट्रोल की कीमत में 31 रुपए 58 पैसे केंद्रीय कर और 32 रुपए 55 पैसे राज्य का कर है। इसलिए यह कहना सच नहीं है कि राज्य की वजह से पेट्रोल-डीजल की कीमतें महंगी हुई है। ऐसा भी मुख्यमंत्री ने कहा।
राज्य के नागरिकों को राहत देने के लिए राज्य सरकार पहले ही प्राकृतिक गैस के संबंध में कर राहत दे चुकी है।
प्राकृतिक गैस के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए प्राकृतिक गैस पर मूल्य वर्धित कर की दर 13.5 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दी गई है। इससे पाइप गैस धारकों को फायदा हुआ है। इसी तरह पब्लिक ट्रांसपोर्टर्स को भी फायदा हो रहा है। इससे प्रदेश के सभी जिलों में पाइप लाइन गैस के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
विभाग के अंतर्गत लागू विभिन्न कर कानूनों के तहत एक वर्ष में 10 हजार रुपए तक की बकाया राशि माफ कर दी गई है। इससे करीब 1 लाख मामलों में छोटे कारोबारियों को फायदा हुआ है।
जिन व्यापारियों का 2 अप्रैल 2022 को 10 लाख रुपए या उससे कम का बकाया है, उन्हें कुल बकाए की 20 प्रतिशत राशि का भुगतान करने का विकल्प दिया गया है। इससे 2 लाख 20 हजार मामलों में मध्यम व्यापारियों को फायदा होगा।
50 लाख रुपए से अधिक के बकाया के मामले में बकाया राशि किश्तों में या एकमुश्त भुगतान करने की सुविधा प्रदान की गई है। 25 प्रतिशत की पहली किश्त 30 सितंबर 2022 से पहले और शेष राशि अगली तीन किश्तों में चुकानी की अनुमति दी गई है।
स्टैंप ड्यूटी शुल्क पर दंड की लंबित राशि के लिए 1 अप्रैल 2022 से 30 नवंबर 2022 तक की अवधि में दंड छूट के लिए अभय योजना लागू की गई है।
राज्य में आयात होने वाले सोने-चांदी पर 0.1 प्रतिशत का स्टांप शुल्क माफ कर दिया गया है।
राज्य में जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए मेरीटाइम बोर्ड की सीमा के भीतर 1 जनवरी 2022 से शुरू जलमार्गों पर फेरीबोट, रो-रो बोट पर यात्रा करने वाले यात्री, पालतू जानवर, वाहन, सामान आदि पर वसूल किए जानेवाले टैक्स में 3 वर्ष की छूट दी गई है।