– अधिकृत या अनाधिकृत….किसका संरक्षण …
कोराडी :- एक तरफ महापुरुषों के स्मारक बनाने में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व्यस्त है तो दूसरी तरफ कोराडी महालक्ष्मी मंदिर को ऐतिहासिक धार्मिक स्थल का रूप देने के लिए राज्य सरकार की तिजोरी का सदुपयोग कर रहे है,दूसरी ओर इन मांस विक्रेताओं को उनकी मनमानी करने की छूट दे रहे है। नतीजा कभी प्रदेशाध्यक्ष पर उनके करतूतों के कारण राजनीति अड़चन आ जाती है तो कभी उनके परिजन उन्हें अड़चन में ला देते है। धर्म और महापुरुषों के नाम की स्थल पर मटन विक्रेताओं का अतिक्रमण और गंदगी रोजाना महालक्ष्मी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को शर्मिंदा कर रहा है। क्या भाजपा प्रदेशाध्यक्ष इस ओर गंभीरता से कदम उठाएंगे ?