-विभिन्न रोगों के निवारण के लिए रामबाण औषधीय गुणों से परिपूर्ण है गोरखमुंडी
नागपूर – महिलाओं एवं पुरुषों मे नवयौवन शक्ति,दीर्धायु और शारीरिक क्षमता बढाने मे रामबाण औषधीय है गोरखमुंडी का पंचांग का सेवन , जैसे कुष्ठ रोग निवारण के लिए नीम की छाल के चूर्ण के साथ गोरखमुंडी का चूर्ण मिश्रित काढ़ा सुबह शायंकाल एक एक कप पीने से निश्चय ही आराम मिलेगा.
गोरखमुंडी औषधीय गुणों के संबंध में बता दें कि 250 ग्राम गोरखमुंडी पंचांग का पावडर, 100 ग्राम सफेद मूसली पावडर,100 ग्राम काली मूसली पावडर,100 ग्राम गोखुरु पावडर,100 ग्राम, शतावरी का पावडर,100 तथा 500 ग्राम मिश्री का पावडर को एक मुस्त मिश्रण करके किसी साफ बर्तन में रख लेंl उक्त पावडर को प्रति दिन सुबह शाम 2-2 चम्मच दबा 1 पाव गाय के दूध के साथ सेवन करने से यौन शक्ति (कामशक्ति) बढ़ती है.गोरखमुंडी के पाउडर का नियमित उपयोग से यौन शक्ति (Sexual Power) को मजबूत बना सकता है.इतना ही नही उपरोक्त पावडर मे 1 पाव ब्रम्ही बूटी पंचांग्ग का पावडर,100 ग्राम ब्रम्हदण्डी पंचांग्ग का पावडर मिश्रण करके सुबह-शाम 2-2 चम्मच कपिला गाय के 1 पाव दूध के साथ सेवन करने से मानसिक स्मरण शक्ती बढती है,तथा मानसिक उन्माद यानी पागलपन की बीमारी से छुटकारा मिल सकता है.
यूमिनीटी को बढावा और आंतरिक दर्द में राहत
उपरोक्त गोरखमुंडी कल्प के पावडर मे अखरोट,काजू, बादाम, पिस्ता,खारक, कौच प्रत्येक 100–100 ग्राम पावडर मिश्रण कर लेवें.और 2-2 चम्मच दबा गाय के उत्तम दूध के साथ सेवन करने से वीर्य-शुक्राणुओं मे वृद्धी तथा काम शक्ती और युमिनीटी को बढावा मिलता हैl
गोरखमुंडी (Gorakhmundi) एक सुगंधित जड़ी बूटी (Herb) है जो पूरे भारत (India) में हर जगह पाई जाती है, लेकिन दक्षिणी भारत में यह प्रचुर मात्रा में पाई जाती है. गोरखमुंडी आमतौर पर बरसात के मौसम के अंत में बढ़ने लगती है और सर्दियों के मौसम में इसमें फूल और फल लगते हैं. यह गर्मियों में धान के खेतों में भी पाई जाती है. गोरखमुंडी में अतुलनीय औषधीय (Medicinal) गुण होते हैं, जिसका उपयोग आयुर्वेद (Ayurveda) और यूनानी चिकित्सा प्रणाली में कई बीमारियों के इलाज के लिए किया गया है. इसके पौधे के पूरे हिस्से जैसे जड़, फूल और पत्तियां कई रोगों के इलाज के लिए फायदेमंद होते हैं.
डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला का कहना है कि गोरखमुंडी के पौधे में मधुमेह, बुखार, खांसी से लेकर पेट के रोग, पेट के कीड़े, अपच,पीलिया,नपुंसकता ,संतति समस्या तथा वीर्य स्तंभ शक्ति बढाने तक के इलाज के रामबाण गुण पाए जाते हैं.
आंखों की रोशनी के लिए
गोरखमुंडी का उपयोग कान, नाक और गले के विकार तथा नेत्र विज्ञान के विभिन्न विकारों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके कुछ समय तक सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ सकती है. गोरखमुंडी के 3-4 ताजे फूल लें और इसे दो चम्मच तिल के तेल में मिलाएं. नियमित सेवन आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने में मदद करेगा. साथ ही आंखों की लालिमा से भी छुटकारा दिलाएगा.
सफेद दाग (कुष्ठ) रोग दूर करे
यदि कुष्ठ रोग है तो गोरखमुंडी का चूर्ण, नीम की छाल का चूर्ण लें और काढ़ा तैयार करें. इस काढ़े को सुबह और शाम को पीने से कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है.
फोड़े या खुजली में राहत
गोरखमुंडी महिलाओं की यौनांग में दर्द, खुजली या फोड़े-फुंसियों को दूर करने में मददगार होता है. गोरखमुंडी के बीजों को बराबर मात्रा में चीनी के साथ पीसकर ठंडे पानी के साथ दिन में दा बार सेवन करें.
यौन शक्ति बढ़ाए
गोरखमुंडी की पत्तियों और इसकी जड़ों को रात में गाय के दूध के साथ सेवन करने से यौन शक्ति बढ़ सकती है. पाउडर का नियमित उपयोग यौन शक्ति को मजबूत बना सकता है.
पाइल्स के इलाज में
गोरखमुंडी का तना और जड़ लेकर इसे सुखा लें और इसका पाउडर बना लें. हर दिन मट्ठे के साथ एक चम्मच चूर्ण का सेवन करने से पाइल्स यानी बवासीर पूरी तरह समाप्त हो जाता है.
आंतों के कीड़े खत्म करने में
आंतों के कीड़ों को खत्म करने और बाहर निकालने में यह जड़ी-बूटी बड़े काम की साबित हो सकती है. यह पेट के कीड़ों को निकालने में भी मदद करती है. गोरखमुंडी की जड़ का पाउडर बनाकर दिन में एक बार आधा चम्मच सेवन करें.
सांसों की बदबू से छुटकारा
सांसों की बदबू से छुटकारा पाने के लिए गोरखमुंडी का पाउडर सिरके के साथ लें. इसके लिए गोरखमुंडी पाउडर को सिरके में अच्छे से मिला लें और सुबह-शाम एक चुटकी लें.
पित्ताशय की पथरी को दूर करे
पथरी और पित्ताशय की पथरी को खत्म करने में गोरखमुंडी फायदेमंद है. गर्भाशय, योनि से संबंधित अन्य बीमारियों के लिए बहुत फायदेमंद औषधि है.
गोनोरिया में फायदा
myUpchar के अनुसार सूजाक यानी गोनोरिया यौन संबंधों के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाले सबसे आम रोगों में से एक है. यह एक संक्रमण है जो कि यौन संचारित बैक्टीरिया ‘नेईसेरिया गोनोरिया’ की वजह से फैलता है. यह मूत्रमार्ग, मलाशय या गले को प्रभावित करता है. गोनोरिया और धातु संबंधी विकारों के लिए गोरखमुंडी लाभ दे सकता है.
सहर्ष सूचनार्थ नोट्स:-
गोरखमुंडी कल्प औषधीय तैयार करने तथा संबंधित रोग निदान व उपचार हेतु अनुभव कुशल आयुर्वेदाचार्य चिकित्सक की सलाह लेना अनिवार्य है अन्यथा इससे नुकसान भी हो सकता है.
– टेकचंद शास्त्री
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