नागपुर :- रास जीव का शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला का वर्णन करते हुए डॉ. संजय कृष्ण सलिल महाराज ने वर्धमान नगर के राधा कृष्ण मन्दिर में भक्तों से कहे। कथा के मुख्य यजमान नारायण रौनक मनियार परिवार हैं।
उन्होंने आगे कहा कि भागवत पुराण में कहा गया है कि जो कोई भी ईमानदारी से रासलीला को सुनता या वर्णन करता है उसे कृष्ण की शुद्ध प्रेम भक्ति ( शुद्ध-भक्ति ) प्राप्त होती है। रासलीला को भागवत पुराण का “अंतिम संदेश” माना जाता है।
सलिल महाराज ने आगे कहा कि सत्संग में मति, कीर्ति, भलाई और गति मिलती है। सत्संग को जो तन और मन लगाकर सुनते हैं, उनका पूरा जीवन बदल जाता है। सत्संग में आने से विचार, बुद्धि, कर्म और आचरण बदलता है। धीरे-धीरे सत्संग से पूरा जीवन बदल जाता है। 7 मई को सुदामा चरित्र, कृष्ण उद्धव संवाद की कथा होगी। कथा का समय 4 बजे से रखा गया है। सभी से उपस्थिति की अपील की गई है।