नागपुर :- नागपुर महानगर पालिका के बहुचर्चित स्टेशनरी घोटाले के मामले में लगभग सभी अभियुक्तों को भले ही जमानत मिल गई हो, लेकिन अब एफआईआर रद्द करने का अनुरोध करते हुए हाई कोर्ट में अर्जी दायर की गई. वास्तविक रूप में निचली अदालत द्वारा ठुकराई गई डिस्चार्ज अर्जी के आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में फौजदारी अर्जी दायर की गई. इस पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश विनय जोशी और न्यायाधीश भरत देशपांडे ने कहा कि इसके लिए निचली अदालत में अर्जी दायर करने का विकल्प उपलब्ध है जिससे सर्वप्रथम वहां अर्जी दायर की जानी चाहिए.
याचिकाकर्ता की ओर से अधि. प्रकाश नायडू और सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील कडूकर ने पैरवी की.
याचिकाकर्ता ने वापस ली अर्जी
सुनवाई के दौरान अदालत के रुख को देखते हुए याचिकाकर्ता ने अर्जी वापस लेने की स्वतंत्रता प्रदान करने का अनुरोध अदालत से किया गया जिसे स्वीकृत कर निचली अदालत में आदेश को चुनौती देने की स्वतंत्रता दी. अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया कि अर्जी पर मेरिट के आधार पर सुनवाई नहीं की गई है जिससे निचली अदालत को स्वयं कानून और नियमों के अनुसार अर्जी पर सुनवाई कर आदेश करने होंगे.
उल्लेखनीय है कि एफआईआर में दर्ज नाम को रद्द करने का अनुरोध करते हुए मुख्य न्याय दंडाधिकारी के पास अर्जी दायर की गई थी जिसे ठुकरा दिया गया. इसके बाद सीधे हाई कोर्ट में अर्जी दायर की गई. अब हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के कारण जिला न्यायाधीश के समक्ष अर्जी दायर की जाएगी.