उच्च न्यायालय ने ठुकराई ठग की याचिका, जमानत देने से साफ इनकार 

नागपुर :-  WCL,SBI, RAILWAY में नौकरी का झांसा देते हुए 96 लोगों के साथ धोखाधड़ी किए जाने का मामला उजागर होने के बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता राकेश खुराना को राहत देने से साफ इनकार कर याचिका ठुकरा दी.

राकेश खुराना के खिलाफ केलवद थाना में मामला दर्ज किया गया जिसके बाद 10 जनवरी 2023 को उसे गिरफ्तार किया गया. अभियोजन पक्ष के अनुसार शिकायतकर्ता प्रकाश आडे द्वारा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई जिसमें बताया गया कि उनकी पत्नी ने बीई और एमटेक की पढ़ाई की किंतु बेरोजगार थी. उसे सरकारी नौकरी की तलाश थी. इसी दौरान रमेश कामोने ने मानेवाड़ी निवासी शिल्पा पालपर्थी से परिचय कराया.

नौकरी के लिए 10 लाख की मांग

प्रकाश को बताया गया कि उनकी पत्नी को डब्ल्यूसीएल या फिर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी दिला सकते हैं जिसके लिए उनसे 10 लाख की मांग की गई. प्रकाश ने एनईएफटी के माध्यम से रमेश कामोने के खाते में 2.38 लाख जमा किए. 29 मई 2020 को शिल्पा ने पुन: सम्पर्क कर डब्ल्यूसीएल में क्लर्क का पद उपलब्ध होने की जानकारी दी. उसके साथ आए अमित कोवे ने इसके लिए पैसों की मांग की. प्रकाश ने 3.73 लाख रुपए नगद और 2.12 लाख रुपए एनईएफटी के माध्यम से शिल्पा के खाते में पैसे जमा किए. 12 जून 2020 को पत्नी को ईमेल पत्नी को ईमेल द्वारा डब्ल्यूसीएल की ओर से साक्षात्कार का पत्र प्राप्त हुआ जिसमें उसे दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया. शिकायतकर्ता डब्ल्यूसीएल कार्यालय पहुंचा जहां शिल्पा पहले से मौजूद थी लेकिन साक्षात्कार नहीं हुए.

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दिल्ली से दिया फर्जी नियुक्ति पत्र

डब्ल्यूसीएल कार्यालय में ही शिल्पा ने बताया कि स्टेट बैंक में पद रिक्त है जिसके लिए उन्हें दिल्ली जाना पड़ेगा. पत्नी के साथ प्रकाश दिल्ली पहुंचा जहां शिल्पा उनकी पत्नी को बैंक मुख्यालय लेकर गई. पत्नी को बताया गया कि वह दिल्ली स्थित जीवनतारा बिल्डिंग की ब्रांच से नियुक्ति पत्र ले ले. वहां पहुंचने पर एक क्लर्क ने उन्हें नियुक्ति पत्र दिया. नियुक्ति पत्र लेकर दोनों नागपुर वापस लौटे जिसके बाद औरंगाबाद की सिडको ब्रांच में नौकरी ज्वॉइन करने पहुंच गए. जहां उन्हें बताया गया कि नियुक्ति पत्र फर्जी है जिससे उन्होंने तत्काल प्रभाव से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

52 लोगों से धोखाधड़ी

सरकारी पक्ष ने कहा कि अपराध दर्ज करने के बाद इसकी जांच शुरू हुई. मुख्य अभियुक्त राकेश खुराना द्वारा जॉब रैकेट चलाए जाने का खुलासा हुआ. जांच के दौरान 52 लोग आगे आए जिन्होंने उनके साथ धोखाधड़ी होने के बयान दर्ज किए. 3.93 करोड़ रुपए लोगों से जमा कर उन्हें डब्ल्यूसीएल, बैंक और रेलवे में नौकरी देने का झांसा दिया गया. खुराना पहले डब्ल्यूसीएल में नौकरी करता था. पद का दुरुपयोग कर उसने कई लोगों को नौकरी देने का झांसा देकर सम्पत्ति जमाई है जिसके लिए उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. याचिकाकर्ता ने इस तरह से अब तक 98 लोगों को फंसाया है. अदालत को बताया गया कि धोखाधड़ी होने तथा पैसा डूब जाने के कारण इनमें से 2 लोगों ने आत्महत्या तक की है.

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