– न्यूनतम वेतन भी नहीं, शोषण जारी, सरकार बेखबर, उदासीन !
नागपुर :- एक तरफ, मौसम की मार तो दूसरी तरफ विपरीत परिस्थिति और बिना सुरक्षा मानकों के बारूद फैक्ट्री में अपनी जान हथेली पर रखकर काम करने वाले मजदूरों की परेशानियों पर किसी की नजर नहीं जाती, जबकि यह मजदूर अपनी जान हथेली पर रखकर यहां की फैक्ट्रियों में सरकारी दरों से कम वेतन में काम करने पर मजबूर है । ऐसा आरोप महाराष्ट्र राज्य बारूद फैक्ट्री मजदूर संगठना के नवनिर्वाचित अध्यक्ष स्वप्निल वानखेडे ने एक पत्र विज्ञप्ति में लगाया है । उन्होंने बताया कि यहां पर लगभग 20 बारूद फैक्ट्रियां है और एक में भी सुरक्षा संबंधित उपकरण नहीं है, यहां तक की सभी फैक्ट्रियों में मजदूरों को सरकारी नियमानुसार वेतन भी नहीं मिलता, उनकी सुरक्षा का भी कोई विशेष ध्यान नहीं रखा जाता, यह फैक्ट्रियां मुख्य सड़क से और गांव आदि से दूर दराज जंगलों में है । जहां पहुंचना कठिन होता है यहां पर जंगली जानवरों का खतरा हमेशा बना रहता है, मजदूरों के परिवहन का भी कोई यहां पर विशेष ध्यान नहीं रखा जाता । मजदूरों को जान जोखिम में डालकर प्रतिदिन घने जंगलों मैं जंगली जानवरों के बीच आवागमन करना पड़ता है । वानखेड़े ने आगे कहा कि विस्फोटक विभाग व जिला प्रशासन भी इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा, इन सभी फैक्ट्रियों का सुरक्षा ऑडिट भी समय पर नहीं होता, इसके अलावा भी यहां पर बहुत सारी अनियमितताएं हैं । जिनकी जांच बहुत जरूरी है । यदि शासन में समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो वानखेड़े ने तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है ।