फेंडर ठेकेदार और ठेकेदारी पर कामगार भी !

– रमेश मेश्राम सह 23 अधिकारी वर्ग पर नियमानुसार FIR दर्ज करने की मांग 

नागपुर – MSEB खापड़खेड़ा में ठेकेदारी पर कार्यरत सुधीर फेंडर ने त्रिमूर्ति कंस्ट्रक्शन नामक फर्म तैयार कर साथ में ठेकेदारी भी करता रहा.क्यूंकि खुद ठेकेदारी कर रहा था तो अपनी नौकरी पर अनुपस्थित न रहे इसलिए ऐश हैंडलिंग प्लांट में अपनी जगह सम्बंधित अधिकारियों को पक्ष में लेकर अन्य से काम करवाता रहा.अर्थात काम अन्य करते थे और मासिक वेतन फेंडर उठाता था.

उक्त मामले के प्रकाश में आते ही जाँच बैठी,जो जाँच जारी है। दूसरी ओर रमेश मेश्राम को सेवानिवृत्ति के अंतिम सप्ताह तक चलती रही,इसके बाद सेवानिवृत्ति के ठीक 5 दिन पहले उसका विभाग बदल कर आला अधिकारियों ने न सिर्फ लीपापोती की बल्कि अपने कार्यशैली का परिचय दिया।इतना ही नहीं सेवानिवृत्ति बाद मेश्राम को सेवानिवृत्ति से सम्बंधित सभी लाभ भी दिया गया.मेश्राम 30 नवंबर 2022 को सेवानिवृत हुआ और दिसंबर 2022 में बिना किसी कार्रवाई के पूर्ण लाभ दे दिया गया.

फेंडर मामले में दोषी रमेश मेश्राम सह 23 अधिकारी वर्ग लिप्त हैं.इस मामले पर फेंडर सह मेश्राम सहित शेष सभी 23 अधिकारियों पर FIR दर्ज करवाने की मांग मुख्य अभियंता राजू घुगे और उप मुख्य अभियंता अनिल काठोये व महाजेनको चेयरमैन अनबंलगन से सुरेश पाटिल ने दिसंबर 2022 में की.

निजी जानकारी छिपाना क़ानूनी अपराध 

रमेश मेश्राम ने महाजेनको के साथ आर्थिक धोखाधड़ी की,नतीजा 15 फरवरी 2007 से 18 फरवरी 2007 पुलिस कस्टडी में रहे.यह जानकारी महाजेनको के आला सम्बंधित अधिकारियों से मिलीभगत कर छिपाए रहे.साथ ही महाजेनको से नियमित लाभ लेते रहे.सेवानिवृति बाद उन्हें 15 साल का लाभ भी महाजेनको मुख्यालय के सम्बंधित अधिकारियों की शह पर मिलती गई।

दूसरी ओर 26 सितम्बर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने के निर्णय स्पेशल लीव पिटीशन (20860/2019) के सन्दर्भ में दिया कि कोई भी अधिकारी/कर्मी अपनी निजी जानकारी छिपाया तो उस पर सक्षम अधिकारी को नियमानुसार कार्रवाई करनी चाहिए। अर्थात रमेश मेश्राम के मामले में महाजेनको के अधिकारियों ने सुको के निर्णय की अवमानना की.रमेश मेश्राम को उसके अवैधकृतों को नज़रअंदाज करते हुए उप अभियंता से उप कार्यकारी अभियंता तक पदोन्नति दी गई.

वर्ष 1994 में ललिता रमेश मेश्राम को प्रकल्पग्रस्त के एवज में रोजंदारी कामगार (NMR) की नौकरी लगी थी.इनको MSEB ने वर्ष 1999 में हेल्पर के पद पर नियमित किया,इसमें 23 अन्य कर्मियों का समावेश था.ललिता ने नियमितीकरण को स्वीकृत करने के बाद किये गए नियमितीकरण के खिलाफ इंड्रस्ट्रियल कोर्ट(155/2000) में गुहार लगाई कि वो फ़िलहाल LDC पद पर कार्यरत हैं,इसी पद पर उसे कायम रखा जाए.इंड्रस्ट्रियल कोर्ट ने अक्टूबर 2007 में ललिता की याचिका ख़ारिज कर दी.

याद रहे कि MSEB का जुलाई 2005 में 4 टुकड़े कर 4 कम्पनियाँ बनाई गई थी.इसी के तहत ललिता की ‘मददनीश’ पद पर नियुक्ति कर उसे महावितरण में की गई थी,शेष 22 कर्मी महावितरण में ज्वाइन किये लेकिन ललिता अकेली महाजेनको में रह गई जबकि इस सम्बन्ध में कोई आदेश नहीं था.खापड़खेड़ा मुख्य अभियंता कार्यालय ने भी ललिता के खिलाफ कोई कार्रवाई न करते हुए महाजेनको में कायम रखा.

इतना ही नहीं मुंबई स्थित महाजेनको मुख्यालय ने खापड़खेड़ा मुख्य अभियंता कार्यालय की सिफारिश पर बिना किसी विभागीय कार्यवाही के अवैध रूप से वर्ष 2008 में ललिता को LDC पर पर स्थाई रूप से नियुक्ति दी.जबकि दूसरी ओर महावितरण का पुराना आदेश (मददनीश) का आज भी कायम बताया जा रहा हैं. ललिता को एक साल में वरिष्ठ LDC पीके बागड़े को बायपास कर UDC पद पर पदोन्नति दी गई थी,ललिता फ़िलहाल प्रबंधक पद पर कार्यरत हैं.

सुरेश पाटिल ने उक्त मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जानकारी दी कि नियुक्ति का अधिकार MSEB HOLDING COMPANY को है. उक्त नियुक्ति गैरकानूनी हैं.

यह भी जानकारी दी कि LDC में पहले से ही 2 पद अतिरिक्त है,SC रोस्टर में जगह भी रिक्त नहीं फिर ललिता को किस नियम के तहत स्थाई नियुक्ति दी गई,बड़ा सवाल हैं ? इस प्रकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 5 अगस्त 2020 को कड़क और साफ़ सुथरा आदेश भी दिया,जिसका सरासर उल्लंघन किया गया,साथ में इंड्रस्ट्रियल कोर्ट के भी निर्णय का उल्लंघन हुआ है.

Contact us for news or articles - dineshdamahe86@gmail.com

NewsToday24x7

Next Post

'Mid Day Mill' १६८२ कोटींपैकी ८९२ कोटी खर्च; तक्रारींची दखल घेऊन

Wed Jan 4 , 2023
नागपूर (Nagpur) : राज्यात यावर्षी शालेय पोषण आहार योजनेसाठी १६८२ कोटी रुपये मंजूर असून त्यापैकी या योजनेवर आतापर्यंत ८९२ कोटी रुपये खर्च करण्यात आला आहे. ही योजना केंद्र सरकारने दिलेल्या मार्गदर्शक सूचनांनुसार राबविण्यात येत आहे. या योजनेबद्दल कुठेही तक्रारी असतील तर त्याची तात्काळ दखल घेऊन आवश्यक त्या सुधारणा निश्चितपणे केल्या जातील, अशी माहिती शालेय शिक्षण मंत्री दीपक केसरकर यांनी विधानसभेत […]

You May Like

Latest News

The Latest News

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com
error: Content is protected !!