– क्याटालायझर फाउंडेशन द्वारा आधिकारिक तौर पर बांस गान के साथ राष्ट्रीय बांस दिवस लोगो और वेबसाइट का अनावरण
नागपुर :- महाराष्ट्र बांस विकास बोर्ड के प्रस्ताव के माध्यम से कोई भी बांस प्रयोगशाला स्थापित कर सकता है, जिसे अंततः राष्ट्रीय बांस मिशन से समर्थन मिलेगा, यह उस क्षेत्र तथा राष्ट्र के लिए एक बड़ी सेवा होगी, ऐसा प्रतिपादन महाराष्ट्र बांस विकास बोर्ड के प्रबंध निदेशक श्रीनिवास राव ने किया। उन्होंने गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में राष्ट्रीय बांस दिवस की आधिकारिक वेबसाइट एवं लोगो का अनावरण किया। इस समय बाम्बू गान को भी सभी उपस्थितों को सुनाया गया।
श्रीनिवास राव ने कहा कि, राष्ट्रीय बाम्बू दिवस (एनबीएम) की गाइडलाइन के अनुसार मान्यता बहुत जरूरी है। मान्यता के लिए हम सबसे अधिक स्थानीय प्रजातियों, बांस की लगभग 19 प्रजातियों को चुन रहे हैं।
इस अवसर पर 101 बाम्बूसेटम वृक्षारोपण परियोजना, बांस किसान कार्बन क्रेडिट कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा और शुरुआत की गई।
महाराष्ट्र इकोटूरिज्म बोर्ड के महाप्रबंधक किशोर मिश्रीकोटकर ने क्याटालायझर फाउंडेशन को इस पहल के लिए बधाई दी और दर्शकों के समक्ष अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि, बांस की खेती और अन्य उपक्रमों में अधिक से अधिक किसानों को शामिल करने के लिए पंजीकरण प्रक्रिया आसान और इंटरैक्टिव होनी चाहिए।
उनके के संबोधन के बाद क्याटालायझर फाउंडेशन के संस्थापक आशीष कासवा जी ने किसानों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया की सरलता का वादा किया और बताया कि यह पूरी तरह से निःशुल्क होगी।
दर्शकों तक महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाने के लिए बांस की खेती और बाम्बुसेटम पर एक पावरप्वाइंट प्रस्तुति भी दिखाई गई।
विश्व बांस दिवस एवं SAbF के संस्थापक कामेश सलाम ने थाईलैंड में विश्व बांस दिवस समारोह और बांस एवं कार्बन खेती पर बात की।
डॉ. मुरलीधरन ई.एम, सेवानिवृत्त वैज्ञानिक – केएफआरआई और अध्यक्ष, आईएनबीएआर और टास्क फोर्स (शाश्वत बांस प्रबंधन) ने बांस की खेती की संस्कृति और इसकी वैज्ञानिक प्रक्रिया, टिकाऊ बांस संस्कृति को लागू करने के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला।
प्रारंभ में, डॉ. मनोज साल्पेकर जी ने क्याटालाइज़र फाउंडेशन की पहल और सतत बांस जीवन और राष्ट्रीय बाण दिवस मनाने का महत्व विदित किया।
उसके उपरांत बांस गान के निर्माण के पीछे की कहानी इसके निर्माता वास्तुकार सुनील जोशी द्वारा बताई गई।
सुजाता आशीष कासवा ने नितिन गडकरी केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री द्वारा राष्ट्रीय बांस दिवस के उपलक्ष्य में जारी शुभकामना संदेश पढ़ा।
बाद में क्याटालायझर फाउंडेशन के संस्थापक आशीष कासवा ने सुधीर मुनगंटीवार वन मंत्री, महाराष्ट्र सरकार द्वारा संदेश संप्रेषित किया। बाद में उन्होंने 2010 से बांस संस्कृति के साथ अपने जुड़ाव के बारे में बताया, जिसमे उन्होंने वेदों की प्राचीन शिक्षा से लेकर आधुनिक शोध तक चर्चा की, जो अंततः उन्हें बांस की खेती और अन्य पहलों की ओर ले गया।
उन्होंने घोषणा की कि, बांस किसानों को कार्बन क्रेडिट का लाभ मिलेगा क्योंकि क्याटालायझर फाउंडेशन ने हाल ही में एक अमेरिकी कंपनी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। कृषि समीक्षा की व्यवस्था भेजने के लिए बांस किसानों का पंजीकरण आज से ही शुरू हो जाएगा।
कार्यक्रम का सूत्र संचालन डॉ. मनोज सालपेकर ने की तथा धन्यवाद ज्ञापन क्याटालायझर फाउंडेशन के सह-संस्थापक प्रतीक कासवा ने किया।