– ऊर्जामंत्री गंभीरता से करें समीक्षा,अन्यथा रेसीडेंशल ग्राहक तब्दील हो जायेंगे कमर्शियल ग्राहक में
नागपुर :- राज्य के कमर्शियल ग्राहकों को प्रत्येक माह में 200 यूनिट से अधिक बिजली का उपयोग करने पर उन्हें मात्र 8.52 रूपए के हिसाब से भुगतान करने की सुविधा दी गई है,वहीं दूसरी ओर रेसीडेंशल ग्राहकों को इसी 200 यूनिट बिजली की खपत पर 10.29 रूपए के दर से भुगतान करने को बाध्य किया जा रहा हैं.उक्त नीति से कमर्शियल ग्राहकों को 354 रूपए का फायदा हो रहा,जबकि वे किसी न किसी रूप में बिजली का व्यवसायिक उपयोग कर रहे हैं.
बात बात पर आम नागरिकों का हितैषी बतलाने से एक भी मौका नहीं चुकने वाली भाजपा-सेना-एनसीपी सरकार कुछ इस तरह आम जनता,गोर-गरीब जनता से कुछ इस तरह पैसे वसूल रही,शायद इसके एवज में राशन कार्डधारकों को 10 से 15 किलो चावल व गेहूं मुफ्त दे रही !
रेसीडेंशल ग्राहकों के ‘TARIFF RATE CHART के अनुसार 0 से 100 यूनिट तक बिजली के उपयोगकर्ता को 4.71 रूपए के दर से तो 101 से 300 यूनिट तक उन्हें 10.29रूपए/यूनिट के हिसाब से भुगतान करना पड़ता हैं और 301 से 500 यूनिट बिजली की खपत पर 14.55 रूपए/यूनिट के हिसाब से भुगतान करना पड़ रहा हैं.और 501 से जितनी भी यूनिट बिजली का उपयोग घरेलु ग्राहकों ने किया तो उन्हें 16.64 रूपए/यूनिट भुगतान करना अनिवार्य किया गया है.
वहीं दूसरी ओर कमर्शियल मीटर लगाने वाले ग्राहकों को 0 से 200 यूनिट बिजली की खपत या उससे अधिक कितनी भी बिजली की खपत हो तो उन्हें एक ही दर 8.52 रूपए/यूनिट की दर से भुगतान करने की छूट दी गई है.
तुलनात्मक दृष्टि से देखा जाए तो आम घरेलु ग्राहक नवम्बर/दिसंबर के माह में भी अंदाजन 125( से 150 यूनिट की बिजली की खपत कर रहा हैं,इतना ही कमर्शियल ग्राहक ने बिजली का उपयोग किया तो उन्हें 200 से 250 रूपए का मुनाफा दर माह हो रहा हैं.
अगर मार्च से जून माह में घरेलु ग्राहक की खपत का अनुमान व्यक्त करे तो 300 यूनिट के आसपास दर माह बिजली की खपत हो रही है,इतनी ही बिजली कमर्शियल ग्राहक ने उपयोग किया तो उन्हें घरेलु ग्राहक की अपेक्षा 500 रूपए/माह का मुनाफा ऊर्जा मंत्रालय दे रही हैं.
गर्मियों में एक से अधिक कूलर या AC का मजा लेने वाले या फिर आलीशान फ्लैट या बंगले वाले या HIGHER MIDDLE CLASS जिनके यहाँ इलेक्ट्रिक से चलने वाली गाड़ी से लेकर सर्व मशीनें है,उन ग्राहकों का उक्त फरवरी/मार्च/अप्रैल/मई/जून माह में कम से कम 500 यूनिट की बिजली की खपत हो रही है,इस हिसाब से उन्हें 7275 रूपए और 750 यूनिट उपयोग करने पर कम से कम 10000 रूपए मासिक बिजली बिल भेजा जा रहा हैं.
वही दूसरी ओर कमर्शियल ग्राहक ने 500 यूनिट बिजली का उपयोग किया तो 4500 और 750 यूनिट बिजली का उपयोग किया तो उन्हें 6000 रूपए में काम बन जा रहा हैं.
अब बड़ा सवाल यह है कि राज्य सरकार और ऊर्जा मंत्रालय की नीति के मद्देनज़र HIGHER MIDDLE CLASS घरेलु ग्राहक जो 150 से अधिक यूनिट बिजली प्रति माह उपयोग करंट है उन्हें कमर्शियल उपयोग को दर्शाते हुए अपना मीटर कमर्शियल मीटर में तब्दील कर लेना चाहिए क्या !
– राजीव रंजन कुशवाहा