जलवायु परिवर्तन, घटते संसाधन और जैवविविधता के नुकसान की बढ़ती चिंताओं के बीच पर्यावरण के लिए प्रभावशाली कल्याणकारी प्रयासों की जरूरत बहुत ज्यादा बढ़ गई है। इन गंभीर समस्याओं के लिए समाज के सभी वर्गों द्वारा लगन के साथ प्रयास किए जाने की जरूरत है, ताकि पृथ्वी का एक सस्टेनेबल भविष्य सुनिश्चित हो सके।
विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की थीमः भूमि की बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा से पलटाव (लैंड रेस्टोरेशन, डिज़र्टिफिकेशन, एंड ड्रॉट रेज़िलियंस) के अनुरूप सस्टेनेबिलिटी की ओर डियाजियो इंडिया का सक्रिय दृष्टिकोण इसके ‘सोसायटी 2030ः स्पिरिट ऑफ प्रोग्रेस’ ईएसजी एक्शन प्लान में दिखाई देता है। इस प्लान का उद्देश्य न केवल पर्यावरण की गंभीर चुनौतियों को संबोधित करना, बल्कि ग्रेन-टू-ग्लास सस्टेनेबिलिटी की प्रतिबद्धता के साथ समावेशी वृद्धि और संयमपूर्वक उपयोग को बढ़ावा देना भी है।
जल संरक्षण का सफर
डियाजियो द्वारा जल संरक्षण के प्रयासों के परिणाम काफी उत्साहवर्धक रहे हैं, और जून 2023 तक इसने अपने उद्देश्य से 25 प्रतिशत ज्यादा तेज परिणाम देते हुए अपने 2026 के लक्ष्य से काफी पहले 10 लाख क्यूबिक मीटर पानी की भरपाई कर दी। इसकी अलवर डिस्टिलरी एडब्लूएस सर्टिफिकेशन पाने वाली एशिया की पहली डिस्टिलरी बन गई है। यह सर्टिफिकेशन साझा जलसंधारण की चुनौतियों को समझने की डियाजियो इंडिया की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जिनमें जल के जोखिम एवं जल संरक्षण के अभियानों के अवसर शामिल हैं। इसके अलावा, डियाजियों इंडिया के जल बहाली के प्रोजेक्ट्स में वनीकरण, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं का निर्माण, बोरवेल को फिर से भरना, तालाबों की सफाई, वेटलैंड्स को फिर से बहाल करना आदि शामिल हैं। डियाजियो इंडिया की अपनी ऑपरेटिंग यूनिट्स में कंपनी ने अपनी डिस्टिलरीज़ में वॉटर-यूज़ एफिशियंसी में 48 प्रतिशत, और पैकेजिंग में 31 प्रतिशत (वित्तवर्ष 2020 के मुकाबले) सुधार कर लिया है, जबकि 2030 तक 40 प्रतिशत का लक्ष्य तय किया गया था।
कार्बन में कमी लाने के प्रयास
ग्रीन फ्यूचर के लिए डियाजियो इंडिया की प्रतिबद्धता इसकी ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में 84 प्रतिशत कमी, अपने डिस्टिलरी ऑपरेशंस में जीरो कोल स्टेटस और अपनी ऑपरेटिंग यूनिट्स में 98.6 प्रतिशत रिन्युएबल एनर्जी के उपयोग से प्रमाणित होती है। कंपनी की सोलर निर्माण की क्षमता 1.3 मेगावॉट से बढ़कर 2.6 मेगावॉट हो गई है, और जलवायु परिवर्तन में कमी लाने के लिए कंपनी द्वारा 300,000 से ज्यादा पेड़ लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा पुरी, उड़ीसा में कंपनी द्वारा मैंग्रूव प्लांटेशन के लिए 31,500 मैंग्रूव के पौधे लगाए जा रहे हैं क्योंकि मैंग्रूव परिपक्व ट्रॉपिकल वृक्षों की तुलना में 2 से 4 गुना ज्यादा कार्बन का अवशोषण करते हैं।
सामुदायिक कल्याण के प्रयास
पर्यावरण के अलावा डियाजियो इंडिया सामुदायिक कल्याण के लिए भी काम करता है। वॉटर, सैनिटेशन, एंड हाईज़ीन (वॉश) प्रोग्राम से 30 से ज्यादा गाँवों में स्थानीय इन्फ्रास्ट्रक्चर और लोगों के जीवन में सुधार लाने में योगदान मिला है। साथ ही डियाजियो इंडिया के रिजनरेटिव कृषि प्रोग्राम द्वारा पंजाब और हरियाणा के 5,000 किसानों को सस्टेनेबल कृषि विधियों में समर्थ बनाया जा रहा है, जिससे स्थानीय खाद्य प्रणाली मजबूत बन रही है, और जैव विविधता में सहयोग मिल रहा है। अपने माईक्रो-एंटरप्राईज़ अभियान के अंतर्गत डियाजियो इंडिया नासिक में 100 छोटी जोत वाली महिला किसानों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहयोग, और उपकरण प्रदान कर रहा है ताकि सस्टेनेबल आजीविका को बढ़ावा मिले और खाना बर्बाद होने में कमी आए।
सस्टेनेबल पैकेजिंग इनोवेशन
डियाजियो इंडिया पैकेजिंग सस्टेनेबिलिटी में बड़े कदम उठा रहा है और संगठन की 99 प्रतिशत से ज्यादा पैकेजिंग सामग्री रिसाईकल की जा सकती है, और इसकी 50 प्रतिशत से ज्यादा खरीदी गई पैकेजिंग सामग्री रिसाईकल की गई सामग्री से बनी है। साथ ही, अपने पोर्टफोलियो से 95 प्रतिशत मोनो कार्टंस को बाहर निकालने और रिसाईकल किए जाने वाले पीईटी कंटेनर्स को शामिल करने से कार्बन फुटप्रिंट कम करने की ओर इसकी प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है। इसके अलावा, इसकी एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी (ईपीआर) के अंतर्गत 100 प्रतिशत प्लास्टिक कचरा वापस ले लिया जाता है, ताकि सर्कुलर ईकॉनॉमी में मदद मिल सके।
जैवविविधता को प्रोत्साहन
जैवविविधता के संरक्षण की डियाजियो इंडिया की प्रतिबद्धता काफी मजबूत है, जो राजस्थान में विलुप्तप्राय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (गोडावन) के संरक्षण के इसके प्रयासों से प्रदर्शित होती है। कंपनी के प्रोजेक्ट्स द्वारा छः जल निकायों की बहाली की गई है, और उनमें घोसलों के आवासों का निर्माण किया गया है, जिससे इस प्रजाति के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान मिला है। डियाजियो इंडिया की सिंगल माल्ट व्हिस्की, गोडावन का निर्माण न केवल स्थानीय कारीगरों की मदद से और स्थानीय स्तर पर प्राप्त किए गए बाजरे से होता है, बल्कि इसकी आय का एक हिस्सा लगभग विलुप्त होती प्रजाति गोडावन पक्षी के संरक्षण के लिए दिया जाता है।
डियाजियो इंडिया में ग्रेन-टू-ग्लास सस्टेनेबिलिटी लाने के लिए संचालन के हर पहलू में सस्टेनेबिलिटी के प्रयास शामिल किए गए हैं। कंपनी अपने साझेदारों और हितधारकों के साथ एक स्वस्थ पृथ्वी के लिए सस्टेनेबिलिटी के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है।