नागपुर :- कुछ दिन पहले सीजेआई डी.वाय. चंद्रचूड़ ने न्यायालय में तारीख पर तारीख को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि इस तरह केस प्रलंबित रहने से लोगों का न्यायालय के प्रति विश्वास कमजोर होगा।
कुछ ऐसा ही सिटी के बिल्डर (Builder) एन.कुमार के साथ भी हो रहा है। उन्होंने अपने खिलाफ 18 वर्ष से दायर याचिकाओं को लेकर उच्च न्यायालय (High Court) की नागपुर खंडपीठ (Nagpur Bench) के प्रशासकीय न्यायाधीश (Administrative Judge) को पत्र (Letter) लिखकर अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि शहर के कुछ नेता और उनके कार्यकर्ता का काम लोगों को कानूनी दांव पेंच में फंसा कर व्यवसायियों को सताते है। उनसे पैसों की उगाही करते है।
18 साल से रुका हुआ है काम
कोर्ट में याचिका दायर करके लोगों का काम रुकवा देते है। इसी तरह विजय बाभरे द्वारा पूनम चेंबर्स के खिलाफ 18 मई 2005 में याचिका दायर की। कभी याचिकाकर्ता तो कभी मनपा के वकील समय लेते थे। इस तरह से उनके केस को 18 वर्ष बीत गए। इस पिटीशन पर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। जिस वजह से उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान सहना पड़ा है। इमारत का काम भी अब तक अधूरा पड़ा है।