-अवैध कोयला तस्करी से सरकार को करोडों रुपये की चपत
नागपूर – आल इंडिया की सभी कोयला अंचल खदानें मानों परिक्षेत्र के-छुटभैये-नेताओं, गुण्डे मवालियों और तस्करों के पालन-पोषण का जरिया बन गई है। जिसे लेकर कोयला मंत्रालय के सामने चिंतन का विषय बना हुआ है। तत्संबंध मे कोल इंडिया लिमिटेड मुख्यालय कोलकाता के चेयरमैन को भी भलिभांति ज्ञातव्य है कि कोल इंडिया लिमिटेड की सभी सातों अनुसांगिक कंपनियों की कोयला खदानें जिसमे वेस्टर्न कोल फिल्ड्स लिमिटेड( WCL,) ईस्टर्न कोल फिल्ड्स लिमिटेड (ECL), भारत कोकिंग कोल लिमिटेड( BCCL,),सेंट्रल कोल फिल्ड्स लिमिटेड (CCL), साऊथ इस्टर्न कोल फिल्ड्स लिमिटेड (SECL),नार्दन कोल फिल्ड्स लिमिटेड(NCL),और महानदी कोलफिल्ड्स लिमिटेड( MCL) आदि सभी इलाकों के क्षेत्रीय सुशीक्षित बेरोजगारों,अशीक्षित अनपढ गंवारों और अंतरराज्यीय गुण्डे मवालियों के लिए उदर पलन पोषण के लिए कोयला यार्डें जरिया बनी हूई है । नतीजतन देश की सभी कोयला अंचल परिक्षेत्र अंतर्राजीय खुंखार बदमाशों और हदपार(तडीपार) अपराधियों का पनाहगाह बना हुआ है। नतीजतन निरंतर अवैध कोयला तस्करी की वजह से सरकार को प्रतिदिन लाखों करोडों रुपये की चपत लग रही हैं।
आल इंडिया सोसल आर्गनाईजेशन के एक गुप्त सर्वेक्षण के अनुसार सबसे अधिक अपराधियों के पनाहगाह वाले क्षेत्रीय कोयला खदानों वाले इलाकों मे चंद्रपुर जिले की खदानों जिसमे बल्लारपुर,महाकाली एरिया और घुग्गुस राजुरा तथा वेकोलि की गोंडेगांव ओपन कास्ट कोयला खदान वाले कन्हान-कामठी क्षेत्रों के अलावा वेकोलि की जिला छिंदवाडा मध्यप्रदेश की कन्हान एरिया के पनारा,जाटरछापा, डुंगरिया,दमुआ,घोरावाडी,राखीकोल, नन्दनवन,पनारा, चिखलमऊ,जामई सुकरी एरिया और पेंच एरिया की रामणवाडा,शिवपुरी, चांदामेटा, परासिया,बडकूही,खिरसाडोह हरनभटा कोयला खदानों वाले इलाकों मे उत्तरप्रदेश विहार, झारखंड,पश्चिम बंगाल और बंगलादेशियों का पनाहगाह बना हुआ हैl उसी प्रकार साऊथ इस्टर्न कोल फिल्ड्स लिमिटेड विलासपुर छत्तीसगढ राज्य की कोयला खदानें भी अंतर्राजीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय अज्ञात गुण्डे मवालियों और तस्करों के लिए पनाहगाह बना हुआ है । इसके अलावा झारखंड राज्य की धनबाद व हजारीबाग,झुमरीतलैया, कोडरमाव पारसनाथ कोयला खदानों की यार्ड के भरोसे पर राज्य के बेरोजगार गरीब और उडीसा राज्य तथा पंश्चिम बंगाल के अज्ञात तत्व अपना नाम पता व वेश बदलकर अपना उदर भरण पोषण का जरिया बनाकर आश्रय लिए हुए है । एसा नही है कि इस प्रकरण की भनक केंद्रीय अन्वेषण व्यूरो भारत सरकार तथा कोल फिल्ड्स लिमिटेड के सतर्कता आयुक्त को मालूमात न हो सभी को भलिभांति ज्ञातव्य हैlपरंतु क्या करें । इस देश के राजनेताओं को अपना वोट बैंक चाहिये और प्रशासनिक अधिकारियों को मन पसंद कमाई वाले विभाग मे अपनी मन मर्जी की नौकरी जिसमे आम की आम और गुठलियों के दाम चाहियेl सनद रहे कि पं बंगाल की बीरभूमि हरसिंगी क्षेत्र मे विश्व मे सबसे बडी खदानों में प्रचुर मात्रा मे कोयला उपलब्ध है । जिसे वृहत्तम कोयला खदान पचामी हरिणसिंघ,दीवान गंज के नामों से जाना जाता है.प.वंगाल के बीरभूमि जिले उक्त खदान आबंटन के लिए पिछले 3-4 सालों से इंतजार था। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बॅनर्जी ने यह जानकारी दी है कि यह मौका हाथ से नही जाना चाहिए ।यह खदान खुलने से प. वंगाल के बेरोजगारों के लिए स्वर्ण अवसर है । परंतु अभि से यहां बंगलादेशी रोहिंगयाओं की गीध दृष्टी लगी हूई हैl सरकार मे बैठा राजनेताओं का मुख्य उद्देश्य है कि काम अपना बनता और भांडं मे गयी जनता की कहावतें चरितार्थ हो रही है । इससे भारत के लिए भावी युवा पीढ़ी के लिए भयानक खतरा उभर सकता है?
– टेकचंद सनोडिया शास्त्री,
विशेष औधोगिक प्रतिनिधि
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