नागपूर :-“नफरत छोड़ो – दिलों को जोड़ो” “देश बचाओ – संविधान बचाओ” के नारे को बुलंद करते हुए 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में गुरुवार को संविधान चौक से नागरिकों की पदयात्रा निकाली गई! पदयात्रा को जेष्ठ अम्बेडकरी विचारवंत एवं वरिष्ठ पत्रकार प्रा. रंजीत मेश्राम ने हरी झंडी दिखाई! पदयात्रा का आह्वान धर्मनिरपेक्ष नागरिक मंच, नागपुर ने किया था! पदयात्रा को संबोधित करते हुए प्रा. मेश्राम ने धर्मनिरपेक्ष नागरिक मंच के “नफरत छोड़ो दिलों को जोड़ो” “देश बचाओ – संविधान बचाओ” इस कल्पना की सराहना की और कहा की 26 जनवरी का महत्व इसलिए है कि इसी दिन वर्ष 1950 को भारत देश अस्तित्व में आया और लोग देश के नागरिक बने तथा नागरिकों को संवैधानिक रूप से मूलभूत अधिकार प्राप्त हुए!
पदयात्रा रिजर्व बैंक चौक होते हुए स्टेशन रोड, राम झूला, मोमिनपुरा, टिमकी, गोलीबार चौक, गांजाखेत चौक, चिटनीस पार्क चौक, बडकस चौक, कोतवाली, शिवाजी पुतला, गणेशपेठ, आज्ञाराम देवी चौक, कॉटन मार्केट, लोहा पुल होते हुए वैरायटी चौक स्तिथ महात्मा गांधीजी के पुतले के पास आकर रुका जहां पर संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया गया और कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की गई! संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन धर्मनिरपेक्ष नागरिक मंच के संयोजक भाई जम्मू आनंद ने किया! शहर के प्रमुख मार्गों पर नागरिकों ने “संविधान बचाने आए हैं – आओ हमारे साथ चलो”, “देश बचाने आए हैं – आओ हमारे साथ चलो”, “मोहब्बत बचाने आए हैं – आओ हमारे साथ चलो”, “भाईचारा बचाने आए हैं – आओ हमारे साथ चलो”, “नफरत के इस माहौल के इस माहौल को _ प्रेम मोहब्बत से जीत लो” आदि के नारे लगाए गए!
समापन भाषण में अपने विचार रखते हुए भाई आनंद ने कहा की समाज में बढ़ता हुआ नफरत और घृणा की मानसिकता यह देश की एकता और अखंडता के लिए सबसे बड़ा खतरा है! भाई आनंद ने आगे कहा की जिस देश में अनेको धर्मों के, भाषाओं के, परंपराओं के, जातियों के तथा राज्यों में रहने वाले नागरिकों को अगर एक सूत्र में कोई बांधता है तो वह है भारतीय संविधान! भाई आनंद ने आगे कहा की अतः संविधान की अवहेलना किसी भी हालत में ना हो इसकी शांतिप्रिय, अमन, भाईचारा, न्याय, समानता तथा लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले नागरिकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है! अतः एक नागरिक होने के नाते इस देश और संविधान को बचाना यह उसका कर्तव्य है!
पदयात्रा में सामाजिक संगठनों, श्रमिक संगठनों, हॉकर संघठन एवं राजकिय पार्टी से संबधित कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया! जिनमें प्रमुख रूप से प्रज्वला थेटे रमेश गवाई, संजय बेहरे, संजय वानखेडे, आराधना उपाध्याय, धरती दुरुगवार, अरुण वनकर, संजय राउत, युगल रायलु, यशवंत तेलंग, चंद्रकांत वानखेडे, किरण ठाकरे, अनीता मेंढे, कविता धीर, जयंता गजभिए, इमरान शेख, संजय सावंत, पूर्णिमा बेहरे, वैभव घोड़े, नंदनी ढोबड़े, मोहन बावने, दास आनंदम, ललित वाघमारे, संजय सावंत, प्रतिक बेहरे, आरती फुलंबरकर, निशा ठाकरे, जयंत गजभिये, प्रकाश मेश्राम, संतोष कांबले तथा रुपेश सैजारे प्रमुख रूप से उपस्थित थे!