नागपुर महानगरपालिका में बस स्टॉप का घोटाला; संदेह के घेरे में परिवहन के आंकड़े 

                        नागपुर  . नागपुर महानगरपालिका (मनपा) में घोटालों का इतिहास भले ही नया न हो लेकिन गत कुछ समय से लगातार एक के बाद एक घोटाले उजागर हो रहे हैं। परिवहन विभाग में कुछ दिनों पूर्व बस ऑपरेटर की नियुक्ति को लेकर धांधली होने का मामला सुर्खियों में रहा।

मसला अभी शांत भी नहीं हुआ कि परिवहन विभाग में ही बस स्टॉप के निर्माण को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। बताया जाता है कि परिवहन विभाग ने गत 3 वर्षों में 230 बस स्टॉप निर्मित किए। आश्चर्यजनक ढंग से इनका उपयोग नहीं होने का कारण देते हुए उन्हें निकाल भी दिया। सूचना के अधिकार के तहत उजागर हुई इस जानकारी के बाद से मनपा प्रशासन में खलबली मची हुई है, जबकि लोगों से टैक्स के माध्यम से वसूले गए करोड़ों रुपए इस तरह से खर्च करने के लिए कौन जिम्मेदार है? इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। गत समय स्टेशनरी आपूर्ति के बिना ही ठेकेदारों को भुगतान किया गया था। इसी तर्ज पर कहीं बस स्टॉप का मामला भी तो नहीं है? इस तरह से सवाल उठाए जा रहे हैं।

जानकारी देकर फंस गई मनपा

मनपा की बेतरतीब कार्यप्रणाली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि काम नहीं होने पर भी इसके पूर्व बिल मंजूर किए गए हैं। मनपा का परिवहन विभाग भी हमेशा से किसी न किसी विवाद के चलते सुर्खियों में रहता आया है। हाल ही में सामाजिक कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने परिवहन विभाग से 1 जनवरी 2021 से लेकर 20 मई 2024 तक कितने बस स्टॉप तैयार किए  किंतु उपयोग नहीं होने के कारण उन्हें निकाल दिया गया। माना जा रहा है कि बस स्टॉप लगाने से पूर्व स्थान निर्धारित किए गए थे। यदि उन स्थानों पर स्टॉप की उपयोगिता नहीं थी तो पहले लगाए क्यों गए। ऐसे में परिवहन विभाग के जवाब से सम्भ्रम की स्थिति बन गई है।

एजेंसियां कर रहीं मनपा का ‘कबाड़ा’

  • उल्लेखनीय है कि बस स्टॉप निकालने के लिए भले ही परिवहन विभाग के अधिकारी नियमों का हवाला दे रहे हों लेकिन मनपा द्वारा कई कार्यों के लिए नियुक्त की गई अलग-अलग एजेंसियों के कारण कबाड़ा हुआ है।
  • बस स्टॉप लगाने के लिए वर्ष 2010 में ही एक एजेंसी की नियुक्ति की गई थी। उस समय उसे 180 बस स्टॉप लगाने को कहा गया था जिसमें से एजेंसी ने केवल 158 बस स्टॉप लगाए थे।
  • वर्ष 2016 में अलग से 197 बस स्टॉप लगाने की अनुमति दी गई। एजेंसी ने कितने कारगर ढंग से काम किया, इसका आकलन करना मुश्किल है।

इस तरह है सिटी बस स्टॉप की स्थिति

  • 1,300 बस स्टॉप का करना था निर्माण     इस तरह है सिटी बस स्टॉप की स्थिति
    • 1,300 बस स्टॉप का करना था निर्माण
    • 180 वर्ष 2010 में लगाना था।
    • 197 2016 में लगाने का नया एग्रीमेंट
    • 246 वर्तमान में होने का मनपा का दावा
    • 14,600 रुपए प्रति बस स्टॉप प्रति वर्ष शुल्क

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