– सलाहकार टेबल स्टोरी सुनाने वाले,उम्मीदवार कान के कच्चे
नागपुर :- RSS का गढ़ कहा जाने वाला नागपुर लोकसभा सीट राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने पद की गरिमा और बढ़ते हुए अहंकार को ध्यान में रखते हुए भावनाओं के आवेश में आकर कह तो दिया कि मै पोस्टर बैनर नहीं लगाएंगे और किसी को भी चाय नाश्ता नहीं कराऊंगा ? भाजपा के कद्दावर नेता कहे जाने वाले नितिन गडकरी के लिए यह कहना तो आसान है परंतु इस प्रतिज्ञा में खरा उतरना इतना आसान नहीं है ? जितना वे मुंगेरीलाल का सपना देख रहे थे? पिछले वर्ष केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने तो यहां तक कह दिया था कि मीडिया पत्रकारों को टोल टैक्स फ्री कर दिया जाएगा? क्या सचमुच में पत्रकारों को टोल टैक्स फ्री कर दिया गया है ?
एक सर्वेक्षण के अनुसार नागपुर महानगर का ओबीसी और मुस्लिम मतदाता जनता-जनार्दन ने भाजपा नेता गडकरी से अपनी दूरियां बनाते हुए नजर आ रहे हैं ? इसके अलावा 50% आंबेडकर समाज का कांग्रेस उम्मीदवार विकास ठाकरे के तरफ झुकाव देखा जा रहा है ? विशेषत: अधिकांश कुनबी कुर्मी और कुर्मी पटेल समाज का झुकाव कांग्रेस उम्मीदवार के तरफ देखा जा रहा है ? रहा सवाल गुजराती राजस्थानी व्यावसायिक उद्योग और व्यापारी लोग बड़े ही चालाक और चतुर खिलाड़ी होते हैं ? उक्त व्यवसायिक प्रवर्ग भाजपा उम्मीदवार गडकरी के सामने जी हां हजूरी करते समर्थन की बातें करते हैं ? परंतु उद्योगपति- व्यवसायिकों का समुदायों का झुकाव कांग्रेस उम्मीदवार विकास ठाकरे की तरफ देखा जा रहा है। नागपुर शहर में अनेक मजदूर बस्तियां है, झोपडपट्टी वासी मजदूर श्रमिक वर्गों का भाजपा से मोहभंग होता नजर आने लगा है ? झोपड़ियां का झुकाव कांग्रेस उम्मीदवार विकास ठाकरे की तरफ देखा जा रहा है ?
इतना ही नहीं नागपुर महानगर का किराना दुकान हार्डवेयर और अन्य दुकानों का श्रमिकों का भाजपा सरकार से मोहभंग हो चुका है ? क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने श्रमिक विधि कानून को शिथिल कर दिये जाने से रोजंनदारी श्रमिक न्याय से वंचित हो गया है? मोदी सरकार की मनमानी का नतीजा देश का तमाम मजदूर वर्गों का झुकाव भाजपा मोदी सरकार के खिलाफ दिखता नजर आ रहा है ?
वर्तमान में इस सीट से बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सांसद हैं। कांग्रेस पार्टी ने नितिन गडकरी को हैट्रिक से रोकने के लिए विकास ठाकरे पर दांव खेला है। चर्चा है कि ठाकरे की उम्मीदवारी के बाद गडकरी को नागपुर पर फोकस बढ़ाना पड़ा है।
नागपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में आमने-सामने कडी टक्कर की लड़ाई प्रचार प्रसार अभियान शुरु है। कांग्रेस कैंडिडेट विकास ठाकरे वर्तमान महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य हैं। वर्तमान परिवेश में समस्त कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता इस मर्तबा एकजुट होकर कांग्रेस उम्मीदवार विकास ठाकरे को जिताने के लिए ऐंडी चोटी एक करने में जुटा हुआ है ? हालांकि तमाम ओबीसी नेताओं और ओबीसी कार्यकर्ताओं में देखा गया है कि वे सामने से कांग्रेस को गालियां मारते हैं और भाजपा को जिताने की बात करता है ? परंतु तहेदिल से वे कांग्रेस उम्मीदवार विकास ठाकरे के समर्थन में अडिग गुप्त प्रचार अभियान शुरू है ?
ज्ञातव्य है कि एक समय था जब भाजपा के पूर्व कद्दावर नेता महादेवराव शिवणकर, लक्ष्मण राव मानकर,प्रभाकर दटके, पूर्व मंत्री विनोद गुडधे पाटिल को चाहने वाला एक बडा ग्रुप नितिन गडकरी की कथनी और करनी से बहुत नाराज देखा जा रहा है ?
2014 में पहली नागपुर की सीट से चुने गए थे।
महाराष्ट्र की नागपुर लोकसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाने उतरे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ कांग्रेस ने विकास ठाकरे को मैदान में उतारा है। 2019 लोकसभा चुनावों में नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष नाना पटोले को शिकस्त दी थी। उस चुनाव में गडकरी जीते थे लेकिन उनकी जीत का मार्जिन 2014 की तुलना में घट गया था। गडकरी 2.16 लाख वोटों के अंतर से जीते थे। महाराष्ट्र के नागपुर से ही अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करने वाली कांग्रेस ने इस बार नए चेहरे पर दांव खेला है। पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा के मौजूदा विधायक विकास ठाकरे को गडकरी के सामने उतारकर चुनौती पेश की है। गडकरी के सामने जहां लगातार चौथी बार न सिर्फ जीत की चुनौती है बल्कि अंतर भी बढ़ाने का दबाव है, तो वहीं कांग्रेस की कोशिश है कि कुछ उलटफेर किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी आखिरी बार नागपुर सीट पर 2009 में जीती थी। नितिन गडकरी ने इस बार चुनावों में पांच लाख वोटों से जीत का लक्ष्य रखा है। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं चुनावों में पोस्टर नहीं लगवाऊंगा,न ही रिश्वत दूंगा।
नागपुर सीट पर वैसे तो बीजेपी की स्थिति काफी मजबूत है। लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें नागपुर साउथ वेस्ट से राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद विधायक हैं। नागपुर साउथ, नागपुर ईस्ट, नागपुर सेंट्रल सीटों पर भी बीजेपी का कब्जा है। कांग्रेस के पास दो सीटें हैं। इनमें नागपुर वेस्ट से खुद विकास ठाकरे जीते थे। नागपुर नार्थ सीट से कांग्रेस नेता नितिन राउत विधायक हैं। ऐसे में छह में चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है और दो सीटें कांग्रेस के पास हैं।
विकास ठाकरे पर क्यों खेला दांव ?
कांग्रेस पार्टी ने नितिन गडकरी के सामने के विकास ठाकरे को उतार कर चुनौती पेश की है। विकास ठाकरे नागपुर से आते हैं। पार्टी को उम्मीद है कि एनसीपी के साथ शिवसेना उद्धव गुट के समर्थन के चलते पार्टी करीबी टक्कर दे सकती है। ठाकरे पूर्व में नागपुर के मेयर भी रह चुके हैं। ऐसे में स्थानीय स्तर पर वे अपरिचित नहीं हैं। उन्हें शहर में लोग जानते हैं। इतना ही नहीं विकास ठाकरे नागपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के भी प्रमुख हैं। नितिन गडकरी पहली बार 2014 में चुने गए तब ऐसा माना गया था कि मोदी लहर के चलते उन्होंने कांग्रेस के नेता विलास मुत्तेमवार को हराया। महाराष्ट्र में बदले समीकरणों में कांग्रेस की कोशिश है कि बीजेपी के हैवीवेट नेता को घेरा जाएग।
तीन बार ही मिली है जीत
नागपुर सीट पर बीजेपी को अभी तक तीन बार ही जीत मिली है। यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। नितिन गडकरी ने 2014 के चुनावों में कांग्रेस के चार बार से सांसद विलास मुत्तेमवार के हराया था। इससे पहले पार्टी को 1996 में जीत मिली थी। तब यहां से बनवारीलाल पुरोहित चुने गए थे, लेकिन 1998 के चुनावों में कांग्रेस ने वापसी कर ली थी। बाकी 13 बार कांग्रेस को जीत मिली है। पीएम मोदी की कैबिनेट में सर्वाधिक सफल मंत्री के तौर पर छवि बनाने वाले नितिन गडकरी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे चुनावों के ज्यादा पोस्टर नहीं लगाएंगे, लेकिन कांग्रेस के ठाकरे दांव के बाद फिलहाल नितिन गडकरी नागपुर में रोड शो कर रहे हैं।