पुलक मंच परिवार ने लिया मार्गदर्शन
नागपुर :- भक्ति में शक्ति होना चाहिए, शक्ति रहे तो सभी कार्य सफल हो जाते हैं यह मार्गदर्शन भारत गौरव राष्ट्रसंत आचार्यश्री पुलकसागर गुरुदेव ने अखिल भारतीय पुलक मंच परिवार नागपुर के सदस्यों को किया. नागपुर के भक्त भक्तिवान, श्रद्धावान हैं. साधु संतों के प्रति समर्पित रहते हैं. नागपुर की संगीत वैय्यावृत्ति पूरे देश में मिसाल हैं। गुरुदेव ने कहा नागपुर संतरा नगरी के साथ संत नगरी और धर्म नगरी हैं। अनेक साधु संत नागपुर आते हैं जिससे नागपुरवासियों पर धर्मवर्षा होती हैं। महाराष्ट्र के पालघर जिले के उपलाट में श्री दिगंबर जैन जिनशरणं तीर्थधाम में नागपुर के पुलक मंच परिवार सदस्यों ने गुरुदेव से विशेष मार्गदर्शन प्राप्त किया. पुलक मंच परिवार नागपुर ने राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष मनोज बंड ने गुरुदेव से निवेदन किया जिनशरणं तीर्थधाम पंचकल्याणक महोत्सव होने के बाद नागपुर की ओर विहार और चातुर्मास करने का निवेदन किया. नागपुर की जनता चातुर्मास की गत अनेक वर्षों से प्रतीक्षा कर रही हैं। ज्ञात हो की वर्ष 2005 में गुरुदेव का नागपुर में चातुर्मास हुआ था.
नागपुर से उपस्थित सदस्यों में सूरज जैन पेंढारी, जितेंद्र गडेकर, रमेश उदेपुरकर, राजेंद्र सोनटक्के, दिलीप सावलकर, शरद मचाले, प्रभाकर डाखोरे, अनंतराव शिवनकर, मनोज मांडवगडे, राजेश जैन, शांतिनाथ भांगे, रविकांत जैन, विनोद गिल्लरकर, प्रशांत कहाते, महेंद्र नवलाखे, प्रफुल्ल रोड़े आदि उपस्थित थे।