– रेत के अवैध उत्खनन को लेकर राज्य के गृहमंत्री अति गंभीर
रामटेक/कन्हान :- कांग्रेस एक ज़माने में हर गली में अपना वजूद रखती थी,ग्राम पंचायत चुनाव से लेकर प्रधानमंत्री- राष्ट्रपति के चुनाव में एक टिकट या एक पद के लिए दर्जनों सक्षम उम्मीदवार सामने आते थे,उनमे से श्रेष्ठ तय करना काफी कठिन होता था,अब समय बदल चूका है,अब न उम्मीदवार मिल रहे और जो सक्षम थे वे भ्रष्टाचार करके भाजपा चले गए.नतीजा नागपुर जिले के रामटेक लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस को रेत माफिया सह अनेक मामले में थाने की चक्कर लगाने वाले बबलू उर्फ़ श्याम बर्वे को उम्मीदवारी देने पर मजबूर होना पड़ा.
याद रहे कि जब से देवेंद्र फडणवीस राज्य के गृहमंत्री बने तब से वे जिले के रेत माफियाओं को लेकर सख्त देखे जा रहे हैं.उन रेत माफियाओं में से एक बबलू बर्वे पर उनकी नज़र तो पहले से ही थी,पिछले दिनों मोदी की कन्हान में हुई सभा के मंच से फडणवीस ने बर्वे को आगाह किया कि अवैध उत्खनन,परिवहन सह बिना रॉयल्टी के सरकारी महकमों को रेत आपूर्ति कर राज्य सरकार को चुना लगाए हो,देर सवेर प्रशासकीय कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहे,उन्होंने बिना नाम लिए उनके आका को भी आगाह किया।
अब यह देखना है कि बर्वे पर कार्रवाई लोकसभा चुनाव के दौरान होती है या फिर बाद में या फिर लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद.
इस सभा में उपस्थित कन्हान-कामठी के कुछ पुराने कांग्रेसी पदाधिकारियों का कहना था कि बर्वे को टिकट देकर कांग्रेस को जिले से निपटाने की सुपारी किसी तथाकथित नेता ने ली,उसी बिना पर उन्हें मोहलत दी गई.
उल्लेखनीय यह भी हैं कि रामटेक लोकसभा चुनाव क्षेत्र से जितने भी कांग्रेस टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे,किशोर गजभिये को छोड़ कर शेष सभी गायब हैं,कारण साफ़ है सब बर्वे और उसके आका को निपटाना चाह रहे या आका ही कांग्रेस को निपटाना चाह रहा.
उल्लेखनीय यह है कि बबलू बर्वे को अपने काका का राजनैतिक वर्चस्व समाप्त करने का आरोप उनके ही परिजन लगा रहे है.आज काका उम्मीदवार होता तो पक्ष-विपक्ष-सहयोगी पक्ष सब एकसाथ एकजुट होकर नया कीर्तिमान स्थापित कर दिए होते ?