नागपुर/मुम्बई – BMC के पास 65000 करोड़ FD के बावजूद आय बढ़ाने के लिए 200 बड़े बकायेदारों से बकाया वसूली के लिए आज कड़क फतवा जारी किया वहीं दूसरी ओर NMC संपत्ति कर बकाया वसूली के प्रति नरम रुख अपनाए हुए है,जबकि NMC का खजाना खाली है,बड़े-छोटे भुगतान रुके पड़े है,इस वजह से विकासकार्यो में कटौती का क्रम जारी हैं।
याद रहे कि BMC और NMC में एकसाथ आम चुनाव होने वाली है।इसी बीच आज BMC ने समपत्ति कर का 2300 करोड़ का बकाया वसूलने के लिए फतवा जारी किया। दूसरी ओर NMC के संपत्ति कर बकायेदारों पर 700 करोड़ का बकाया है,जिसे BMC की तर्ज पर वसूली के लिए NMC प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंग रहे। उलट जो नियमित और छोटे बकायेदार है,उन्हें दबाव बना कर उनकी संपत्ति जप्त कर रही और बड़े बकायेदार सह जिसने शुरुआत से संपत्ति कर नही भरा उसे नाना प्रकार के सहूलियतें दे रहे है। बड़े बकायेदार जो किसी न किसी जुगाड़ से मनपा प्रशासन तक पहुंच रहे,उन्हें मदद की जा रही और जिसने कभी कर ही नहीं भरा उसे सिर्फ पिछले 6 साल का संपत्ति कर भरने की सहूलियतें दे रहे,इसके बावजूद भी सैकड़ों बकायेदारों ने कर भरने में कोई रुचि नही दिखाई। ऐसे बकायेदार OTS की राह देख रहे,इससे पहले भी मनपा प्रशासन ने OTS अभियान चलाई, जिसे आंशिक सफलता मिली।
वहीं दूसरी ओर 1-2 साल का संपत्ति कर बकायेदारों को भरपूर दबाव बनाया जा रहा। उल्लेखनीय यह है कि मनपा के पहले 100 बकायेदारों पर सैकड़ों रुपये बकाये है।इनमें से कुछ मनपा के संबंधित अधिकारियों के सलाह पर न्यायालय की शरण में रह कर मनपा खजाने को चुना लगा रहे। वहीं BMC के दूरदर्शी सोच की सर्वत्र प्रशासन की जा रही,जबकि उनकी FD उनकी देश मे सबसे बड़ी आर्थिक रूप से शक्तिशाली महानगरपालिका में से एक है।