-या तो अधिग्रहित करें या मुआवजा दे,दिन में 3 बार होती है ब्लास्टिंग![](https://newstoday24x7.com/wp-content/uploads/2021/11/IMG-20211116-WA0039.jpg)
![](https://newstoday24x7.com/wp-content/uploads/2021/11/IMG-20211116-WA0039.jpg)
नागपुर- नागपुर जिले के कन्हान तहसील अंर्तगत आनेवाली गोंडेगांव ओपन कास्ट में इन दिनों जारी ब्लास्टिंग के कारण समीप के किसानों के खेतों में खड़ी कपास, धान और तुअर की फसल को काफी नुकसान हो रहा है. ब्लास्टिंग के कारण उड़नेवाली धूल, मिट्टी और बारुद के कारण किसान की फसल बुरी तरह प्रभावित हो कर तबाह होने की कगार पर है. ऐसे में पीड़ित किसानों ने मांग की है कि डब्लूसीएल या तो उनके खेत अधिग्रहित कर ले या फिर फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा दे.
कन्हान के गोंडेगां ओपन कास्ट में पिछले कुछ वर्षों पूवा खदान के आसपास के किसानों के खेत अधिग्रहित करने का निर्णय लिया गया. जिसके अनुसार कुल 450 हेक्टेयर किसानों के खेत अधिग्रहित किए जाने थे. लेकिन केवल 225 हेक्टेयर किसानों के खेत ही अधिग्रहित किए गए. बाकी 225 हेक्टेयर खेतों को अधिग्रहित करने की कार्रवाई प्रलंबित रखी गई है. ऐसे में इन किसानों ने डब्लूसीएल द्वारा खेत अधिग्रहित करने का काफी इंतजार भी किया. जब कोई बात आगे नहीं बढ़ी तो इन किसानों ने अपने खेतों में कपास, धान और तुअर की फसल की बुआई कर डाली. वर्तमान में किसानों के खेतों में फसलें लहलहा रही है. लेकिन डब्लूसीएल की रोजाना नियमित ब्लास्टिंग के कारण फसलों पर काफी असर पड़ रहा है.
अधिग्रहण के इंतजार में किसान
डब्लूसीएल द्वारा खदान के आसपास की करीब 450 हेक्टेयर जमीन को अधिग्रहित करना था. तय भी यही हुआ था कि यह सारी जमीन एक साथ अधिग्रहित की जाएगी. लेकिन इसमे से केवल 225 हेक्टेयर ही किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई. शेष किसान आज भी भूमिअधिग्रहण के इंतजार में है. डब्लूसीएल से बार-बार पूछने पर बताया जाता है जल्द ही कार्रवाई पूरी की जाएगी. कुछ तकनीकी कारणों से मामला लटका पड़ा होने की जानकारी है.
अनेक किसानों को हो रहा नुकसान
डब्लूसीएल द्वारा रोज की जानेवाली ब्लास्टिंग के कारण पटवारी हल्का नंबर 13 मौजा गोंडेगांव के किसान पुरुषोत्तम राघोजी कावडे ने बताया कि उनका 45 एकड़ का खेत है, जिसमे कपास, तुअर और धान की फसल उन्होने ली है. धान अभी कुछ दिन पहले ही कट गया. लेकिन कपास और तुअर की फसल डब्लूसीएल की ब्लास्टिंग के कारण खराब हो रही है. ऐसी ही हालत गांव के उमेश कोथरे, मूलचंद गजभिए, अशोक शेंड, चिरकुट खवले तथा अन्य किसानों के खेतों की है. इनके खेतों में खड़ी फसल ब्लास्टिंग के कारण बर्बाद होने की कगार पर है.
WCL ने दिया रोजगार
डब्लूसीएल ने 450 में 225 हेक्टेयर किसानों के खेत अधिग्रहित किए है. जिन किसानों की भूमि संपादित की है उन लोगों को इसी साल डब्लूसीएल ने रोजगार भी दिया है. उसी प्रकार जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित नहीं की गई है उसे जल्द ही संपादित कर उनकों भी डब्लूसीएल में रोजगार देने की जानकारी है.![](https://newstoday24x7.com/wp-content/uploads/2021/11/IMG-20211116-WA0038.jpg)
![](https://newstoday24x7.com/wp-content/uploads/2021/11/IMG-20211116-WA0038.jpg)
या तो जमीन ले या मुआवजा दे
जिनकी जमीन अधिग्रहित हुई है उनको को पैसा और रोजगार मिला है. लेकिन बाकी किसानों की जमीन कब अधिग्रहित की जाएगी. ऐसे में हम किसानों ने खेतों में फसल उगाई है,क्यों की खेती ही हमारा एकमात्र आय का साधन है. अब जब खेतों में फसल खड़ी हुई है तो डब्लूसीएल की ब्लास्टिंग के कारण वह बर्बाद हो रही है. ऐसे में या तो डब्लूसीएल हमारे खेत ले ले, या फिर खेतों को जो नुकसान हो रहा है उसका मुआवजा दे.
पुरुषोत्तम राघोजी कावडे , पीड़ित किसान