“मध्यस्थता ही विवाद का समाधान” – न्या. सचिन पाटील

– जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रम

नागपूर :- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नागपूर की ओर से आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नागपूर के सचिव न्यायाधीश सचिन पाटील ने कहा कि, मध्यस्थता वैकल्पिक विवाद का समाधान है और प्रलंबित अदालती मामलों के शीघ्र निपटाने के लिए यह प्रक्रिया बहुल उपयोगी है! म्ध्यस्थता गोपनीय, स्वैच्छिक, पारदर्शी ओर कम खर्चे की प्रभावी प्रक्रिया है! मध्यस्थता प्रक्रिया मे आपसी सामंजस्य से मामला सुलझाया जाता है! इसलिये ज्यादा से ज्यादा पक्षकारों से अपना पैसा, समय और श्रम बचाने के लिये और बिना देरी न्याय पाने के लिये इस प्रक्रिया का लाभ उठाने का भी न्या. सचिन पाटील ने आवाहन किया !

वर्ष 2021 से अबतक 1,741 प्रलंबित मामले निपटाए गये

नागपूर जिला न्यायालय और क्षेत्रीय/तालूका न्यायालयों में कार्यरत मध्यस्थता केंन्द्र में 2021 साल से अबतक मध्यस्थता प्रक्रीया के लिए भेजे गए प्रलंबित अदालती मामलोंमेसे 1,741 मामले निपटाए गये ये जानकारी न्या. सचिन पाटील ने दी।

जिला न्यायालय के प्रमुख जिला न्यायाधीश डी. पी. सुराणा के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय के न्यायाधीश सभागृह में हाल ही में मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया था ! कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में न्या. पाटील बोल रहे थे! प्रमुख अतिथी के रूप में मध्यस्थता प्रशिक्षक एड. राजेंन्द्र राठी एवं एड. सुरेखा बोरकुटे उपस्थित थे ! न्या. पाटील ने वैकल्पिक विवाद निवारण पध्दति, मध्यस्थता संकल्पना, मध्यस्थता प्रक्रिया में पक्षकार, विधिज्ञ और मध्यस्थता की भूमिका विषयों पर भी मार्गदर्शन किया !

एड. राजेंन्द्र राठी ने मध्यस्थता प्रक्रिया में किस प्रकार के प्रकरण न्यायालय में दाखिल किए जाते है, पक्षकारों के बीच विवादों को कुछ नियमों और शर्तों के अधीन मध्यस्थता प्रक्रिया के माध्यम से कैसे निपटाया जाता है, साथ ही मध्यस्थता प्रक्रिया के माध्यम से निपटाए गए मामलों में कितना समय और पैसा लगता है जैसे विषयों पर विस्तार से बताया !

एड. सुरेखा बोरकुटे ने समान न्याय के सिध्दांतो, जिला विधी सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जानेवाली निःशुल्क कानूनी सेवाओं और मध्यस्थता प्रक्रिया के लाभों के बारे में जानकारी दी ! कार्यक्रम का संचालन विधी स्वयंसेक डॉ. आनंद मांजरखेडे ने किया! आभार एड. शुभांगी काळे ने माना! मध्यस्थता अधिवक्ता जोगेवार ने मध्यस्थता के बारे में उनके अनुभव बताए। कार्यक्रम में पक्षकार, मध्यस्थता अधिवक्ता, लॉ कॉलेज के छात्र और जिला विधि सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी बडी संख्या में उपस्थित थे !

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