नागपुर :- श्रीमद् भागवत में रास पंचध्यायी का उतना ही महत्व जितना हमारे शरीर में आत्मा का रस पंचाध्याय का पाठ करने से काम दोष की समाप्ति होती है। उक्त आशय के उद्गार श्रीमद् भागवत कथा के दौरान गोस्वामी वृजराजकुमार ने कच्छी वीसा मैदान, लकड़गंज में भक्तों से कहे. श्री वल्लभाचार्य विश्व कल्याण ट्रस्ट, श्री दशा सोरठिया वणिक गुजराती समाज व श्री माता सामुद्री मंदिर निर्माण समिति की ओर से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है.
आज रासलीला के सुंदर वर्णन के बाद महाराजश्री ने रुक्मिणी विवाह, कंसवध जैसे विषयों पर सुंदर वचनामृत दिया. उन्होंने कहा कि आमतौर पर काम, क्रोध,मद, मोह और भय अच्छे भाव नहीं माने जाते हैं लेकिन जिसका मन भगवान ने चुरा लिया हो तो ये भाव उसके लिए कल्याणकारी हो जाते हैं. जैसे जिसके मन में भगवान कृष्ण थे, उसने क्रोध करके भगवान से युद्ध किया तो उसे मुक्ति ही मिली, जैसे कंस और शिशुपाल.
आज व्यासपीठ का पूजन अश्विन घीया, धारिणी सेलारका, मनोज मलकान, जयप्रकाश मालविया, भारती कारिया, तपन संगानी, केयूर शाह, मनीष सेलारका, मीनल राजकोटिया, जगदीश गोरसिया, नीलेश सिद्धपारा, मेघा सेलारका, चेतना कुरानी, गीता मांडविया, रीता मांडविया, नीता पारेख, लता शाह, स्वीटी सेलारका, प्रीति सिद्धपारा, भावना संगानी सहित अन्य ने किया. आयोजन समिति ने बताया कि रविवार को श्री द्वारका लीला व पूर्णाहुति सुबह 9.30 बजे से होगी. कुंभकलश का वितरण शाम 5 बजे होगा. सभी से उपस्थिति की अपील की गई है.