मध्य प्रदेश – यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और खेदजनक है कि देश के कई राज्यों ने भारत में ऑनलाइन व्यापार के सबसे बड़े अपराधी, अमेज़ॅन के साथ एमओयू अथवा समझौता किया हुआ हुआ है या अमेज़ॅन पर बेचे जाने वाले उत्पादों में सरकारी एजेंसियों ने प्रवेश किया है, वो भी ये जानते हुए की अमेज़ॅन एक ज्ञात वैश्विक कानून अपराधी है, व्यापार में अपने कदाचार के लिए विभिन्न देशों में दंडित किया गया है और लगातार भारतीय कानूनों और नियमों का उल्लंघन कर रहा है और भारत के प्रवर्तन निदेशालय और प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा जांच का भी सामना कर रहा है। इस तरह के समझौते प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” और “लोकल पर वोकल” अभियान के विपरीत हैं- यह कहना है कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स का।
कैट ने कहा कि वह इस संबंध में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख कर इस पूरे मामले में संज्ञान लेने का आग्रह करेंगे, जिसके बाद कैट के प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे तथा सभी राज्यों में अपनी मांगों के समर्थन में कैट के नेतृत्व में राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया और महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने राज्य सरकारों के इस तरह के औपनिवेशिक मानसिकता के रवैये की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने पिछले कुछ दिनों में गांजा आपूर्ति रैकेट में अमेज़ॅन की संलिप्तता स्वीकार की थी और इसलिए सबसे पहले मप्र सरकार को एमेजॉन के साथ अपने सभी एमओयू तत्काल रद्द करने चाहिए।कानून तोड़ने वाला और अपराधी कंपनी के साथ किया हुआ कोई भी काम मप्र सरकार के कामकाज पर सवाल उठाएगा।
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि मार्च 2021 में अमेज़न ने मप्र सरकार के एम्पोरियम मृगनयनी को अपने ई पोर्टकल पर लॉन्च करने की घोषणा की। यह भी कहा गया था कि अमेज़ॅन मध्य प्रदेश के 5000 से अधिक बुनकरों को अवसर प्रदान करेगा, जो ग्राहकों तक उनके क्षेत्र के विशेष उत्पादों को पहुचायेगा , यह बुनकरों के जीवन और उनके व्यवसायों को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करेग और संत रविदास मध्य प्रदेश हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम उनके हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को अमेजन पर बेचेगी।इतना सब कुछ होने के बाद मप्र सरकार को अपनी एजेंसियों को सलाह देनी चाहिए कि वे खुद को अमेज़न से अलग कर लें।
अनेक राज्यों में उद्यमशीलता और डिजिटल शासन को बढ़ावा देने के लिए, अमेज़ॅन सहेली ग्रुप के सहयोग से, सरकारी निकायों के विभिन्न उत्पादों को अमेज़ॅन के ई-कॉमर्स स्पेस में प्रवेश कराने की घोषणा और कारीगर और बुनकर और अन्य को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने का भी अमजोनने घोषणा की और एमएसएमई समुदायों के प्रशिक्षण और उनकी ऑनबार्डिंग भी इसमें शामिल थे।कैट ने आरोप लगाया कि हालांकि इस तरह की कई व्यवस्थाएं बड़ी संख्या में राज्यों द्वारा अमजोन के साथ की गई थीं लेकिन अभी तक किसी भी राज्य में जमीनी स्तर पर कुछ भी ठोस आकार नहीं ले पाया है। अमेज़न हमेशा की तरह बहुत ही गुप्त तरीके से बहुत मूल्यवान डेटा प्राप्त करने में सफ़ल रहा और उस डेटा का क्या हुआ, कोई नहीं जानता
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु तेलंगाना, त्रिपुरा,उत्तर प्रदेश उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल आदि ने अमेज़न के साथ विभिन्न समझौते किए हैं जिनको राज्य सरकारों द्वारा तुरंत रद्द किया जाना चाहिए