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नागपुर :- स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी राज्य में ओबीसी छात्रों के लिए न तो शासकीय हॉस्टल बन सके न ही आरक्षित वर्ग के छात्रों की तरह स्वाधार जैसी योजना लागू हो सकी. बढ़ते राजकीय दबाव के बाद हाल ही में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में हुई वित्त विभाग की बैठक में 72 हॉस्टल्स शुरू करने के लिए आने वाले खर्च को मंजूरी दी गई. साथ ही जिन छात्रों को प्रवेश नहीं मिलेगा उनकी 60,000 रुपये की वार्षिक आर्थिक मदद की जाएगी.
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अब इन दोनों प्रस्तावों को अगली कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी के लिए रखने संबंधी निर्देश अधिकारियों को दिये.
27 दिसंबर, 2022 को छगन भुजबल ने नागपुर के शीत सत्र में ओबीसी छात्रों के लिए 72 हॉस्टल्स खोलने और एससी, एसटी के लिए लागू स्वाधार व स्वयं की तर्ज पर सावित्रीबाई फुले स्वाधार योजना शुरू करने की मांग की थी. इस पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया था कि राज्य में 21,600 ओबीसी छात्रों को एससी, एसटी की तर्ज पर ज्ञानज्योति आधार योजना शुरू की जाएगी. विधानसभा में घोषणा के बावजूद वित्त मंत्रालय द्वारा विविध कारण बताकर योजना में टालमटोल किया जा रहा था. इसको लेकर महात्मा फुले समता परिषद व ओबीसी संगठनों की ओर से राज्यभर में आंदोलन व अनशन किया गया. गर्मी के दिनों में समता परिषद की ओर से संविधान चौक पर अनशन किया गया था.
इसी वर्ष से शुरू होगी योजना
ओबीसी, कुणबी आंदोलन के बढ़ते दबाव के बाद बुधवार को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मंत्री छगन भुजबल की मांग पर वित्त विभाग और ओबीसी विभाग की संयुक्त बैठक बुलाई. इसमें भुजबल के साथ ही ओबीसी मंत्री अतुल सावे, ओबीसी व वित्त मंत्रालय के सभी सचिव, अधिकारी उपस्थित थे. इसमें भुजबल ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि योजना इसी वर्ष से शुरू होनी चाहिए. साथ ही सावित्रीबाई फुले आधार योजना का शासन निर्णय भी जल्द ही जारी किया जाना चाहिए. जितनी निधि ‘सारथी’ को दी जा रह है उतनी ही निधि ओबीसी छात्रों के लिए भी दी जानी चाहिए. अजीत पवार ने हॉस्टल खोलने के लिए आने वाले सभी तरह के खर्च को मान्यता दी. साथ ही मंत्रिमंडल की अगली बैठक में दोनों प्रस्तावों को मान्यता के लिए रखने के निर्देश भी दिये. सरकार के इस निर्णय पर महात्मा फुले समता परिषद की ओर से राज्य उपाध्यक्ष तथा महाज्योति के पूर्व संचालक प्रा. दिवाकर गमे ने आभार माना.