नागपुर :- इस बार मानसून की देरी और बाद में अनियमितता की वजह से संक्रामक बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ा है. मच्छरों की पैदावार के लिए अनुकूल माहौल होने से मलेरिया के साथ ही डेंगू भी अधिक फैला.
अब तक कई लोगों की जान भी चली गई. पूर्व विदर्भ के 6 जिलों में गत वर्ष की तुलना में इस बार डेंगू के मरीजों की संख्या दोगुनी हुई है. यह आंकड़ा महज 8 महीनों का है. जिस तरह बारिश हो रही है, उससे लग रहा है कि आंकड़ा तीन गुना तक पहुंच सकता है.
जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. दूसरी ओर प्रशासन का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है. पिछले दिनों तो महानगर पालिका ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में सिटी में किसी भी मरीज की मौत होने की जानकारी दी थी. नागपुर, गोंदिया, भंडारा, वर्धा, चंद्रपुर, गड़चिरोली में 2022 में डेंगू के कुल 552 मरीज मिले थे लेकिन मृत्यु एक भी दर्ज नहीं की गई थी.
इस वर्ष की शुरुआत से ही डेंगू के मरीज मिलने लगे थे. सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 1 जनवरी से 31 अगस्त तक यानी 8 महीनों में 1,167 मरीज मिले. इनमें से एक मरीज की मृत्यु होने की जानकारी सामने आई है. पूर्व विदर्भ में सर्वाधिक मरीज मिले हैं. इनमें नागपुर जिला पहले स्थान पर है.
मेडिकल के सहयोगी प्राध्यापक डॉ. अविनाश गावंडे ने बताया कि इस बार बच्चों में डेंगू अधिक प्रमाण में देखने को मिला. बाढ़ की स्थिति के बाद कई जगह पानी जमा रहा. बारिश भी रुक-रुक कर हो रही है. इससे मच्छरों का प्रकोप और बढ़ने की संभावना है. डेंगू की शुरुआत जुकाम के साथ होती है. यदि 3 दिनों तक जुकाम कम हो तो फिर रक्त की जांच कराना आवश्यक हो जाता है. चिकित्सक की सलाह पर रक्त की जांच कराने से पता चल जाता है कि कौन सी बीमारी है. मलेरिया और डेंगू के लक्षण समान होते हैं लेकिन डेंगू में रक्त का घटक प्लेटलेट तेजी से कम होना लगता है. इस सीजन में स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतना आवश्यक है.